पाकिस्तान को लेकर भारत के दो मुख्यमंत्रियों में जंग ,लेटरबाजी शुरू

पाकिस्तान को लेकर भारत के दो मुख्यमंत्रियों में जंग ,लेटरबाजी शुरू

चंडीगढ़। पकिस्तान को लेकर भारत के ही दो प्रदेश आमने सामने हैं मौका है रावी नदी के पानी को रोके जाने को लेकर ब्यास नदी के पानी को रोकने में पंजाब ने असमर्थता जाहिर कर दी है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल के पत्र का जवाब में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि राज्य की परिधि में कहीं बांध बनाकर पानी को रोक पाना संभव नहीं है। इस पर असंतुष्टि जताते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा है कि पाकिस्तान जा रहे पानी को रोकने को लेकर हरियाणा और पंजाब में कहीं कोई टकराव जैसे हालात नहीं हैैं, लेकिन इस पानी को राज्यों तथा जनहित में रोका जाना चाहिए।

मनोहर लाल ने कहा कि पंजाब अगर यह मानता है कि बांध बनाना संभव नहीं है तो हरियाणा इसक लिए केंद्रीय जल प्राधिकरण (सेंट्रल वाटर ट्रिब्यूनल) के पास दस्तक देने की संभावनाएं तलाशेगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने इजरायल और इंग्लैैंड की यात्रा पर जाने से पहले 6 मई को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिखकर पाकिस्तान जा रहे रावी-ब्यास के पानी को रोकने के लिए बीबीएमबी के सहयोग से पंजाब में कहीं बांध बनवाने का आग्रह किया था।

हरियाणा ने कहा, इस पानी को लेकर पंजाब से टकराव नहीं, सेंट्रल वाटर ट्रिब्यूनल जाएंगे
इस पानी को रोकने की चर्चा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने रोहतक दौरे के दौरान भी की थी। हालांकि इस पानी को रोकने की बात वर्ष 2008 से चल रही है, लेकिन नितिन गडकरी के रुख के बाद हरियाणा गंभीर हुआ है। कैप्टन अमरिंदर ने आरंभ में तो मुख्यमंत्री का कोई पत्र नहीं मिलने की बात कही थी, लेकिन बाद में पत्र मिलने की पुष्टि करते हुए कहा था कि उनका सुझाव अमल में लाना संभव नहीं है, लेकिन हरियाणा को अपने यहां से पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोकने की पहल करनी चाहिए।

मिलेगा 1112 क्यूसेक पानी का फायदा

पाकिस्तान जा रहे पानी को अगर बांध के जरिये रोकने की योजना सफल रही तो देश के हिस्से का 1112 क्यूसेक यानी 5.60 लाख एकड़ फीट पानी बचेगा। बंटवारे के समय भारत को सतलुज, रावी और ब्यास नदियां मिली। वहीं पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदियां मिलीं थीं। इसके बावजूद भारतीय नदियों का पानी पाकिस्तान जा रहा है।

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