इस तरीके से जाने चालू स्त्रियों के लक्षण

इस तरीके से जाने चालू स्त्रियों के लक्षण

डेस्क-हमारे ग्रंथों में लक्ष्मी कहा गया है। ज्योतिष के ग्रंथों में भी स्त्रियों के स्वभाव और उनके भविष्य से जुड़ी बातों के बारे में रोचक वर्णन मिलता है। प्रसिद्ध ग्रंथ बृहद संहिता में स्त्रियों के दो प्रकार बताए गए है शुभ लक्षणा और अशुभ लक्षणा।शुभ लक्षणा को साक्षात लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। वहीं अशुभ लक्षणा को अलक्ष्मी कहा जा सकता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं स्त्रियों के कुछ ऐसे ही शारीरिक लक्षणों के बारे में जिन्हें इस ग्रंथ में शुभ नही माना गया हैस्त्री के पैर की सबसे छोटी या उसके बराबर वाली अंगुली भूमि पर न टिकती हो या अंगूठे के बराबर वाली अंगुली, अंगूठे से बहुत लंबी हो तो ऐसी स्त्री का चरित्र परिस्थिति के अनुसार बदल सकता है।

  • ऐसी महिलाएं नियंत्रण मेंं न रहने वाली, पाप करने वाली और गुस्सैल स्वभाव की होती हैं।
  • जिस स्त्री की पिण्डली का पिछला भाग मोटा हो, बहुत ऊपर की ओर चढ़ा हुआ सा हो साथ ही नसें उभरी हों तो ऐसी स्त्रियों को शुभ नहीं माना जाता है।
  • यदि यह भाग मांसहीन, सूखा सा हो, पिण्डली पर बहुत रोम हों तो ऐसी स्त्री बहुत दु:ख पाती है।
  • गुहा भाग के बाल वामावर्त रोमों से युक्त हो या यह भाग दबा हुआ सा हो तो अशुभ होता है।
  • यदि पेट घड़े के समान हो तो जीवन में हमेशा दरिद्रता बनी रहती है।
  • पेट पतला, लंबा या गड्ढेदार हो तब भी अच्छा नही माना जाता है

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