हथेली पर विभिन्न चिन्हों का महत्व जानिए

डेस्क-त्रिभुज को हथेली पर विशिष्ट और स्पष्ट चिन्ह के रूप में देखा जा सकता है और यह परस्पर दो रेखाओं के कटने से नहीं बनता। यह एक अच्छा व भाग्यशाली संकेत माना जाता है लेकिन यह तब अधिक महत्वपूर्ण है जब यह एक स्वतंत्र चिन्ह के रूप में स्थित हो। यह अच्छे विचारों कोदर्शाता है तथा जिस स्थान पर यह स्थित होता है उस से संबंधित सफलता को प्रकट करता है।उदाहरण के लिए यदि यह गुरु पर्वत स्थित है, तो यह लोगों को प्रबंधन एवं संगठन में और रोजमर्रा के मामलों को उचित प्रकार से संचालित करने में सफलता का संकेत देता है। यदि त्रिकोण एक रेखा के बराबर स्थित हो, तो इसकी विशेषताएँ उस रेखा पर निर्भर करेगी। त्रिकोण के साथ हाथ वाले व्यक्ति को सफलता की ऊंचाइयां तो प्राप्त नहीं होती है लेकिन वह मानसिक संतोष व धैर्य के साथ एक जिम्मेदार व्यक्ति बनता है।

अनुप्रस्थ रेखाएं
हाथ पर अनुप्रस्थ रेखाओं को अशुभ संकेत माना जाता है क्योंकि यह जिस पर्वत पर पाया जाता है उसके सकारात्मक गुणों को निष्प्रभाव करती है। व्यक्ति के लिये शुभ पर्वत का होना अच्छा संकेत है, लेकिन इस पर्वत पर अनुप्रस्थ रेखाओंकी उपस्थिति द्वारा यह निष्प्रभाव माना जाएगा। बुध पर्वत पर अनुप्रस्थ रेखाओं से संकेत मिलता है कि व्यक्ति अपने गलत उद्देश्यों के लिए कूटनीति का दुरुपयोग करेगा।

खड़ी रेखाएं
हथेली पर खड़ी रेखाएं शुभ संकेत मानी जाती हैं। यह संकेत अनुप्रस्थ चिन्ह के गुणों के विपरीत होता है।यह जिस पर्वत स्थित होती हैं। उसके सकारात्मक गुणों को बढाती हैं और उस पर्वत की अशुभता को दूर करती हैं। किसी पर्वत पर खड़ी रेखाओ की उपस्थिति दर्शाती है कि व्यक्ति वाक्पटु और मित्रवत है। बुध पर्वत पर दो खड़ी रेखाओं की उपस्थिति दर्शाती है कि व्यक्ति जीव विज्ञानी या डॉक्टर बन सकता है।

त्रिशूल
हथेली पर त्रिशूल की उपस्थिति किसी भी स्थान पर होने की स्थिति मे शुभ संकेत होता है। यह सदैव पर्वत या रेखा जिस पर यह मौजूद होता है उस के गुणों को बढ़ाता है। यदि यह पर्वत पर स्थित हो, तो मुख्य पर्वत के साथ बराबर के पर्वत के गुणों को भी बढ़ाता है। यहाँ तक की यह सितारों के अवगुणों को प्रभावहीन करता है।

रेखाओं का गुच्छा
रेखाओं का गुच्छा सामान्य तौर पर मुख्य रेखाओं के अंत में पाया जाता है।जीवन रेखा के अंत में इसकी उपस्थिति व्यक्ति की उम्र के साथ बिगड़ती हुई कमज़ोरी को दर्शाती है. इसी तरह, मस्तिष्क रेखा के साथ यह मानसिक कमजोरी और बुढापे के कारण होने वाली दुर्बलता का संकेत देती है। हृदय रेखा पर गुच्छा हृदय की हालत को बिगाड़ता है या कमज़ोरी के कारण उसे आघात हो सकता है।

महीन शाखाएं
मुख्य रेखाओं पर महीन शाखाओं कीउपस्थिति जीवन में निराशा का प्रतिनिधित्वकरती है। उदाहरण के लिए, मस्तिष्क रेखा के साथ यह रेखाएं उपस्थित हो तो व्यक्ति किसीकी योजना को विस्तार करने मे कठिनाइयों का सामनाकरेगा।

उठती हुई शाखाएं
उठती हुई शाखाओं के लक्षण महीनशाखाओं के विपरीत होते हैं। यह अचानक प्रेरणा, भाग्य और खुशी का प्रतिनिधित्व करतीहै। उदाहरण के लिए, यदि मस्तिष्क रेखा से कोई शाखा उठती हुई बुध पर्वत को छूती है तो यहवैज्ञानिक आविष्कार या व्यक्ति के मन में लंबे समय से विचाराधीन योजना वास्तविकता का रुप लेती है।

सहायक रेखाएं
सहायक रेखाएं जिस रेखा पर स्थित होती है उस रेखा से संबंधित विशेषताओं को दर्शाती है। यदि कोई रेखा टूटी या असमान हो तो सहायक रेखाएंउनकी रक्षा करती हैं। यह रेखाएं मुख्य रेखा के बुरे समय में मार्गदर्शन करेंगी।

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