केले के जाने औषधीय गुण तथा केला खाने के फायदे

केले के जाने औषधीय गुण तथा केला खाने के फायदे

डेस्क- केले के जाने औषधीय गुण तथा केला खाने के फायदे| केला एक ऐसा फल है जो साल भर लगभग सभी जगह उपलब्ध रहता है। यह जितना सस्ता होता है उतना ही पौष्टिक और गुणकारी भी होता है। इसको बच्चे-बूढ़े सभी सेवन कर सकते हैं। प्रकृति केले को भारी मात्रा में इसीलिए पैदा करती है कि यह सस्ता बना रहे और अधिक से अधिक व्यक्ति इसके गुणों का लाभ उठा सके | केले के पौधे की लम्बाई 7-15 फीट तक होती है। एक पौधा 40-50 किलोग्राम तक फल देता है। केला दुनिया का एकमात्र ऐसा पौधा है जो अपने जीवनकाल में सिर्फ एक बार ही फल देता है। यह किसी अन्य फल की तुलना में ज्यादा ठोस होता है और इसमें पानी का अंश कम होता है। इसलिए इससे कैलोरी ज्यादा मिलती है। एक बड़े अच्छे पके केला से 100 से ज्यादा कैलोरी मिलती है।

कच्चा केला मीठा, ठण्डी तासीर का भारी और कफ पित्त रक्तविकार जलन क्षय नष्ट करता है। पका हुआ केला स्वादिष्ट ठंडा स्वाद में मीठा पौष्टिक रुचिकारक मांस की वृद्धि करने वाला तथा भूख, प्यास आँखों के रोग को ठीक करने वाला होता है | केला एक ऐसा फल है जो कच्चा होने पर सब्जी के रूप में खाया जाता है। पका केला चबाने की जरूरत नहीं होती। इसी कारण यह बच्चों के लिए बेहद उपयोगी व लोकप्रिय आहार है। बच्चों में खनिज तत्वों की पूर्ति के लिए केला बहुत उपयोगी फल है।

केले के औषधीय गुण

  • केले के सेवन से शरीर में कैल्सियम फॉस्फोरस और नाइट्रोजन का अच्छा भंडारण होता है|
  • जिनसे मजबूत और नए ऊतकों का निर्माण होता है। केले में इन्वर्ट शुगर भी होती है|
  • जो उपापचय मेटाबोलिज्म के लिए बहुत मददगार होती है।


आँतों की बीमारियाँ :

  • आँतों में कोई रोग हो जाए तो रोगी को दिया जानेवाला भोजन के रूप में केला दिया जाता है, क्योंकि इसका गूदा बहुत नरम और चिकना होता है। इसमें एक ऐसा रसायन पाया जाता है|
  • जिसे अभी तक कोई नाम नहीं दिया जा सका है। कुछ लोग इसे विटामिन ‘U’ अर्थात् ‘ अल्सर का विरोधी’ कह देते हैं।
  • केला डाइटरी फाइबर का बहुत बड़ा स्रोत होते हैं।
  • एक मध्यम आकार के केले से आपको लगभग 3 ग्राम फाइबर मिलती है जो आपके रोज़ की आवश्यकता का 10% होती है।
  • फाइबर होने की वजह से यह पेट की कई बिमारियों में लाभकारी है खासतौर से दस्त की बीमारी होने पर 2 केले दही के साथ खाने से दस्त से आराम मिलता है।
  • केवल यही एक ऐसा फल है जो अल्सर के पुराने मामलों में भी अपने प्राकृतिक रूप में खाया जा सकता है।
  • यह विभिन्न पाचक रसों के अधिक एसिड को दूर करता है और पेट की भीतरी दीवारों पर परत चढ़ाकर
  • अल्सर की खराश को कम करता है।
  • पका हुआ केला बड़ी आँत में घाव की वजह से आई सूजन के इलाज में बहुत मदद करते हैं।
  • क्योंकि केला चिकना मुलायम और आराम से हजम होने वाला पेट साफ करने वाला होता है।
  • पका केला इस रोग के लक्षणों की गंभीरता को कम करते हैं और रोग को जल्दी ठीक करते हैं।

कब्ज और अतिसार (दस्त) :

  • पका केला बड़ी आँत के कार्य को सामान्य बनाता हैं।
  • कब्ज का इलाज करने में केला इसलिए मददगार होता हैं|
  • यह पानी सोख लेता है |
  • केले आँतों में मौजूद हानिकारक बेक्टेरिया को लाभकारी जीवाणु एक्डीडोफिलस बेसिली में बदल देते हैं|

आमवात और गठिया :

  • आमवात और गठिया के इलाज में भी केलों से बहुत सहायता मिलती है।
  • इन रोगों में तीन-चार दिन तक केवल केला खाने की सलाह दी जाती है।
  • रोगी को रोज आठ-नौ केलों के अलावा कुछ और खाने को न दिया जाना चाहिए।

खून की कमी :

  • केले में आयरन की मात्रा भरपूर होती है।
  • इसलिए खून की कमी दूर करने में केला बहुत सहायता करता है।
  • यह खून में लाल कणों की वृद्धि करता है।


किडनी के रोग :

  • केला में प्रोटीन और नमक कम मात्रा में होते हैं|
  • मगर कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा ज्यादा होती है।
  • एक रोग जिसमे किडनी में खून जमा हो जाने और किडनी के ठीक से काम न कर पाने के कारण जहर बनने लगता है।
  • इसके इलाज में भी केला बहुत उपयोगी है।
  • इसमें रोगी को प्रतिदिन आठ-नौ केले तीन दिन तक खाने दें।
  • इसके अलावा रोगी को और कुछ खाने को न दिया जाए।
  • यह इलाज नेफ्राइटिस सहित किडनी के सभी रोगों में सफल हुआ है।

  • क्षय रोग (टी.बी.) :
  • क्षय रोग (तपेदिक) जैसे रोगों के इलाज में भी केला उपयोगी है।
  • प्लांटेन केले या पकाए जाने वाले साधारण केले का रस तपेदिक के इलाज में बहुत कामयाब है।


मासिक धर्म की गड़बड़ियाँ :

  • कच्चे केले की सब्जी बनाकर उसे दही के साथ सेवन करना मासिक धर्म के समय पीड़ा होने तथा मासिक धर्म में बहुत ज्यादा रक्त जाने को रोकने में असरदार है।
  • समझा जाता है कि केले के फूल महिलाओं में प्रोजेस्टिरेन हारमोन्स की वृद्धि करते हैं, जिससे मासिक धर्म में ज्यादा रक्त नहीं जाता है।
  • प्रदर-रोग से ग्रस्त महिला को 1-2 केले भोजन के घंटे भर बाद खाकर ऊपर से 1 कप दूध में 2 चम्मच
  • शहद घोल कर लगातार कुछ दिन तक पीना चाहिए। इस प्रयोग से श्वेत प्रदर रोग ठीक हो जाता है।
  • केला और दूध की खीर खाने या सुबह-शाम 2-2 केले थोड़े से घी के साथ खाने से भी प्रदर-रोग ठीक हो जाता है।
  • केला एक पौष्टिक आहार है। दुबले-पतले शरीर वालों के लिए टायफाइड बुखार के रोगी के लिए और
  • अम्लपित्त (हायपरएसिडिटी) के रोगी के लिए केला उत्तम फल है।
  • बुखार में केला खाने से मुँह नहीं सूखता और शरीर में कमजोरी नहीं आती।
  • जो व्यक्ति दुबले-पतले शरीर के हैं और शरीर को थोड़ा मोटा व सुडौल बनाना चाहते हैं उन्हें दो केले एक
  • गिलास दूध में डालकर 2-3 माह तक सुबह या दोपहर बाद खाना चाहिए।
  • केले में काफी पोटाशियम होता है जो हड्डियों के लिए बहुत जरुरी होता है।
  • शरीर में पोटेशियम की कमी को पूरा करने के लिए बच्चों और बूढों को रोजाना केले का सेवन जरूर करना चाहिए।
  • जिन लोगों को बार-बार अधिक भूख लगती है, उनको केला खाने से इस समस्या से राहत मिलती है।
  • आग से जल जाने पर केला लगाने से जली त्वचा पर ठंडक मिलती है इसके लिए एक साफ ‘स्टेरिलाइज्ड’
  • कपड़े पर पके केले का गूदा अच्छी तरह मसलकर लगा दें।
  • इस कपड़े या कपड़ों को रोगी के जले अंगों पर सावधानी से चिपका दें।
  • प्रत्येक चार-चार घंटे बाद ये कपड़े बदलते रहें।
  • पीड़ित व्यक्ति को बड़ी ठंडक मिलेगी।
  • खुराक के रूप में भी पके केले दूध में फेंटकर और शहद मिलाकर देते रहें शीघ्र लाभ होगा।
  • शरीर में कहीं भी दर्द हो तो उस स्थान पर इसका छिलका लगाकर 30 मिनट के लिए छोड़ दें राहत मिलेगी।


सौन्दर्य बढ़ाने के लिए केले के लाभ

  • केले के छिलकों को हल्के हाथों से चेहरे पर पांच मिनट तक घिसने से कुछ ही दिनों में पिंपल्स दूर हो जाते हैं।
  • इसके छिलके का पेस्ट बनाकर लगाने से चेहरा चमकने लगता है।
  • कोई कीट पतंगा या कीड़ा काट ले तो उस स्थान पर केला का छिलका पीसकर लगाने से आराम मिलता है।
  • सोराइसिस होने पर केले के छिलकों को पीसकर लगाएं। इससे दाग भी चले जाते हैं और आराम मिलता है |
  • आंखों में थकान महसूस हो तो केले के छिलके को थोड़ी देर आंखों पर रख लें राहत मिलेगी।
  • लेदर बैग बेल्ट या जूते भद्दे दिखने लगें तो उन पर केले का छिलका रगड़ने से चमक आ जाती है।
  • झुर्रियां हों नियमित अंडे की जर्दी में केले के छिलके को मिलाकर चेहरे पर पांच मिनट के लिए लगाएं|फिर चेहरा धो लें।झुर्रियां कम हो जाएंगी।

केले के सामान्य उपयोग

  • पका केला भोजन के बाद मीठी चीज के रूप में या नाश्ते के रूप में खाया जाना चाहिए।
  • सलाद या चाट में दूसरे फलों और सब्जियों के साथ भी इसे उपयोग किया जा सकता हैं।
  • पूरी तरह से पका केला कैलोरी देने वाला संपूर्ण भोजन होता है।
  • पोषण की दृष्टि से यह आलू जैसा ही है।
  • पके हुए केलों से तरह-तरह की मिठाइयाँ बनाई जाती हैं।
  • पूरी तरह से बढ़े हुए मगर कच्चे केलों से बनाए गए चिप्सों में गेहूँ के आटे के मुकाबले तीन गुना ज्यादा खनिज पाए जाते हैं।
  • शिशुओं और बिस्तर पर स्वास्थ्य-लाभ कर रहे रोगियों के लिए साबुत अनाजों के स्टार्च के मुकाबले केला
  • ज्यादा आसानी से हजम हो जाता है, जिससे रोगियों के लिए यह आदर्श आहार है।
  • केले के फूलों की सब्जी बहुत स्वादिष्ट बनती है।
  • जिस डंठल पर केले के गुच्छे लगते हैं उसकी भारत के अनेक भागों में सब्जी बनाई जाती है खासकर दक्षिण भारत के राज्यों में।
  • केले का शर्बत बनाकर पीने से पुरानी खांसी (Chronic Bronchitis) में बहुत आराम होता है।
  • शर्बत बनाने की विधि– स्टील के एक ढक्कन युक्त बर्तन में पके केले के बारीक टुकड़े कर, समान मात्रा में
  • चीनी के साथ डाल दें और ढक्कन बन्द कर दें। अब एक बड़े बर्तन में पानी भर कर यह बर्तन रख दें। पानी इतना हो कि केले वाला बर्तन पानी में डूब जाए।
  • अब बड़े बर्तन को आग पर रखें। जब पानी को उबाल आने लगे तो बर्तन पानी से निकाल लें और ठण्डा कर लें।
  • ठण्डा होने पर ढक्कन खोल कर शर्बत निकाल कर किसी बोतल में भर लें।
  • यह शर्बत सूखी खांसी, पुरानी खांसी और दमा के कारण चलने वाली खांसी में 2-2 चम्मच पीना चाहिए।
  • केले का शर्बत 2-2 चम्मच दिन में 3-4 बार लेने से या केले के गूदे में शक्कर मिला कर खाने और ऊपर से
  • 2 छोटी इलायची के दाने खाने से पेट व गले की जलन में आराम हो जाता है।
  • केला और दूध साथ लेने के से शरीर को भरपूर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, फाइबर और मिनरल मिलते हैं। जो पोषण हमें इस डाइट से मिलता है उसे शरीर को तीन चार दिन के लिए ऊर्जा मिल जाती है।

सावधानियाँ

  • मिठाई या सुबह के नाश्ते में खाया जाने वाला केला अच्छी तरह पका होना चाहिए वरना आसानी से हजम नहीं हो पायेगा।
  • कच्चे केले खाने से कब्ज़ की समस्या बढ़ जाती है |
  • केलों को कभी फ्रीज या कोल्ड स्टोर में नहीं रखना चाहिए|
  • क्योंकि कम तापमान के कारण केले देर से पकते हैं।
  • पका फल 100 ग्राम मात्रा में 20 प्रतिशत शर्करा तथा 116 कैलोरी ऊर्जा देता है।
  • केले में आसानी से हजम हो जानेवाला शर्करा भरपूर होता है।
  • इसलिए यह शीघ्र ऊर्जा प्राप्त करने और थकान दूर करने वाला है।
  • इसमें थोड़ी-बहुत मात्रा में विटामिन ‘डी’, ‘ई’ जी’ और अच्छी मात्रा में मैग्नीशियम, सल्फर पाई जाती है

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