क्यों नहीं डूबे राम सेतु के लिए इस्तेमाल हुए पत्थर जानिए

क्यों नहीं डूबे राम सेतु के लिए इस्तेमाल हुए पत्थर जानिए

डेस्क-राम सेतु अपने आप में एक रहष्य है आश्चर्य की बात है कि सदियों पहले श्रीराम की वानर सेना द्वारा बनाए गए रामसेतु पुल के पत्थर पानी में डालते ही डूबे क्यों नहीं |प्रभुश्रीराम कहते हैं,जो मेरे बनाए सेतु का दर्शन करेगा, वह बिना ही परिश्रम संसार रूपी समुद्र से तर जाएगा॥ कभी आपके साथ ऐसा हुआ है कि आपने कोई पत्थर पानी में फेंका और वह डूबा नहीं, बल्कि पानी की सतह पर तैरता चला गया हो?शायद नहीं, क्योंकि पत्थर का एक पर्याप्त वजन पानी को चीरते हुए खुद को उसमें डुबो ही लेता है।

फिर वही रामसेतु जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एडेम्स ब्रिज के नाम से जाना जाता है। हिन्दू धार्मिक ग्रंथ रामायण के अनुसार यह एक ऐसा पुल है, जिसे भगवान विष्णु के सातवें एवं हिन्दू धर्म में विष्णु के सबसे ज्यादा प्रसिद्ध रहे अवतार श्रीराम की वानर सेना द्वारा भारत के दक्षिणी भाग रामेश्वरम पर बनाया गया था, जिसका दूसरा किनारा वास्तव में श्रीलंका के मन्नार तक जाकर जुड़ता है।

ऐसी मान्यता है कि इस पुल को बनाने के लिए जिन पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था वह पत्थर पानी में फेंकने के बाद समुद्र में नहीं डूबे। बल्कि पानी की सतह पर ही तैरते रहे। ऐसा क्या कारण था कि यह पत्थर पानी में नहीं डूबे? कुछ लोग इसे धार्मिक महत्व देते हुए ईश्वर का चमत्कार मानते हैं लेकिन साइंस इसके पीछे क्या तर्क देता है यह बिल्कुल विपरीत है।

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