पंचकूला हिंसा: अभी आरोपित नहीं है गुरमीत राम रहीम, पुलिस जुटा रही ठोस सुबूत

पंचकूला। पिछले साल 25 अगस्त को पंचकूला में हुई हिंसा एवं देशद्रोह के मामले में सेक्टर-5 थाने में दर्ज एफआइआर नंबर 345 में फिलहाल डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को आरोपित नहीं बनाया गया है। लेकिन, पुलिस ठोस सुबूत की तलाश में जुटी है ओर इसके बाद डेरा प्रमुख की मुश्किलें इस मामले में बढ़ सकती हैं।पंचकूला हिंसा: अभी आरोपित नहीं है गुरमीत राम रहीम, पुलिस जुटा रही ठोस सुबूत

ठोस सुबूत की तलाश में पुलिस, इसके बाद एफआइआर में हो सकता है गुरमीत का नाम
इसकी संभावना इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि गत दिवस एसआइटी की ओर से पेश सप्लीमेंट्री चालान के अनुसार गुरमीत राम रहीम के खास रहे राकेश उर्फ गुरलीन ने यह स्वीकार किया है कि पंचकूला में जो कुछ हुआ उसकी पूरी जानकारी डेरा प्रमुख को थी। हालांकि पुलिस महज एक बयान के आधार पर गुरमीत राम रहीम को आरोपित बनाने से बच रही है और उसकी कोशिश है कि गुरलीन के बयान के अतिरिक्त भी डेरा प्रमुख के खिलाफ कोई ठोस सुबूत मिल जाए, जिससे भविष्य में उसे किरकिरी का सामना न करना पड़ा।

डेरा प्रमुख के खिलाफ अहम साबित हो सकता है उसके खास गुरलीन का बयान
पंचकूला हिंसा के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि इसके पीछे पूरी तरह से गुरमीत राम रहीम का हाथ था, लेकिन पुलिस पिछले 9 माह में डेरा प्रमुख के खिलाफ कोई ठोस सुबूत या गवाह नहीं जुटा पाई। पुलिस कमिश्नर एएस चावला ने इस मामले में बताया कि एफआइआर नंबर 345 में अभी तक 49 लोगों को आरोपित बनाया गया है, जिनमें कुछ की अभी पुलिस को तलाश है।

आदित्य इंसा मुख्य आरोपितों में से एक है। इसी मामले में हनीप्रीत सहित कई गिरफ्तार हो चुके हैं। चावला ने बताया कि पंचकूला में दंगों की साजिश में पहली बार आरोपित गुरलीन ने डेरा प्रमुख का नाम लिया है। ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट के सामने भी उसने 164 के बयान में इस बात का खुलासा किया है।
अभी तक की जांच में गिरफ्तार किसी भी आरोपित ने गुरमीत राम रहीम के खिलाफ डिसक्लोजर नहीं किया था। गुरलीन के डिसक्लोजर के बाद अब ठोस सुबूत जुटाए जा रहे हैं। अगर कुछ और गवाह गुरमीत राम रहीम के खिलाफ बयान देते हैं और कुछ अहम सुबूत मिलते हैं, तो उसे आरोपित बना लिया जाएगा।

27 फरवरी को गिरफ्तार हुआ था गुरलीन
पंचकूला हिंसा के बाद फरार चल रहे राकेश उर्फ गुरलीन को पुलिस ने 27 फरवरी को गिरफ्तार किया था। एसआइटी उसे सिरसा से गिरफ्तार करके लाई थी। गुरलीन डेरे की 11 सदस्यीय कोर कमेटी का सदस्य था और पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपये का इनाम रखा था।

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