Vibhishan की पत्नी क्यों बनी थी मंदोदरी
रावण के मारने के बाद मंदोदरी का विवाह Vibhishan से हो जाती है |
डेस्क- एक अप्सरा की पुत्री जो खूबसूरत और आकर्षक है एक ऐसी समर्पित रानी जो स्वयं असुर सम्राट रावण की पत्नी है| रावण के मरने के बाद उनका विवाह से हो जाती है |
मंदोदरी
मंदोदरी.. जैसे ही यह नाम आता है हमारे जहन में एक ऐसी रानी की तस्वीर उभर आती है, जिसके चरणों में दुनिया का हर एशो-आराम है|एक अप्सरा की पुत्री जो अत्याधिक खूबसूरत और आकर्षक है, एक ऐसी समर्पित रानी जो स्वयं असुर सम्राट रावण की पत्नी है|
सोने की लंका
- सोने की लंका की महारानी मंदोदरी, रामायण की कहानी का एक ऐसा पात्र हैं जिन्हें कभी ठीक से समझा नहीं गया।
- उनकी पहचान हमेशा लंकापति रावण की पत्नी तक ही सीमित रही और रावण की मृत्यु के बाद उनका अध्याय भी जैसे समाप्त कर दिया गया।
रामायण की कहानी
- रामायण की कहानी की बात करें तो अधिकांश लोग केवल भगवान राम, उनकी पत्नी सीता और रावण के विषय में जानने की जिज्ञासा रखते हैं।
- लेकिन बहुत ही कम लोग ये जानते हैं या इस बात को जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर रावण की मृत्यु के बाद मंदोदरी का क्या हुआ था? और मंदोदरी की शादी Vibhishan क्यों हुआ था |
मंदोदरी का जीवन
- अगर आपके दिमाग में भी यह प्रश्न कुलबुला रहा है या इस विषय में जानने की इच्छा हुई है तो
- आगे की स्लाइड्स में जानें कि आखिर लंकापति रावण की मृत्यु के बाद और विभीषण को राजपाट मिलने के बाद मंदोदरी का जीवन कैसा था।
मंदोदरी का जन्म
- लेकिन उससे भी पहले मंदोदरी के जन्म और उनके परिवार के विषय में जानने की कोशिश करते हैं।
मधुरा
- हिन्दू पुराणों में दर्ज एक कथा के अनुसार एक बार मधुरा नामक एक अप्सरा कैलाश पर्वत पर पहुंची।
- देवी पार्वती को वहां ना पाकर वह भगवान शिव को आकर्षित करने का प्रयत्न करने लगी।
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श्राप
- जब देवी पार्वती वहां पहुंचीं तो भगवान शिव की देह की भस्म को मधुरा के शरीर पर देखकर वह अत्यंत क्रोधित हो गईं और क्रोध में आकर उन्होंने मधुरा को मेढक बनने का श्राप दे दिया।
- उसने मधुरा से कहा कि आने वाले 12 सालों तक वह मेढक के रूप में इस कुएं में ही रहेगी।
मंदोदरी
- जैसे ही 12 वर्ष पूर्ण हुए वह अपने असल स्वरूप में आ गई और कुएं से बाहर आने के लिए वह मदद के लिए पुकारने लगी।
- हेमा और मयासुर वहीं तप में लीन थे। मधुरा की आवाज सुनकर दोनों कुएं के पास गए और उसे बचा लिया।
- बाद में उन दोनों ने मधुरा को गोद ले लिया और उसका नाम रखा मंदोदरी।
कठोर तप
- भगवान शिव के बार-बार कहने पर माता पार्वती ने मधुरा से कहा कि कठोर तप के बाद ही वह अपने असल स्वरूप में आ सकती है और वो भी 1 साल बाद।
मयासुर
- असुरों के देवता, मयासुर और उनकी अप्सरा पत्नी हेमा के दो पुत्र थे लेकिन वे चाहते थे कि उनकी एक पुत्री भी हो।
- इसी इच्छा को पूर्ण करने के लिए उन दोनों ने कठोर तपस्या करनी शुरू की, ताकि ईश्वर उनसे प्रसन्न होकर एक पुत्री दे दें।
- इसी बीच मधुरा की कठोर तपस्या के 12 साल भी पूर्ण होने वाले थे।
मंदोदरी से विवाह
- एक बार रावण, मयासुर से मिलने आया और वहां उनकी खूबसूरत पुत्री को देखकर उस पर मंत्रमुग्ध हो गया।
- रावण ने मंदोदरी से विवाह करने की इच्छा जाहिर की, जिसे मायासुर ने अस्वीकार कर दिया।
- लेकिन रावण ने हार नहीं मानी और जबरन मंदोदरी से विवाह कर लिया।
तीन पुत्र
- मंदोदरी जानती थी कि रावण, भगवान शिव का भक्त है, इसलिए अपने पिता की सुरक्षा के लिए वह रावण के साथ विवाह करने के लिए तैयार हो गई।
- रावण और मंदोदरी के तीन पुत्र हुए, अक्षय कुमार, मेघनाद और अतिकाय।
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विनाश
- रावण बहुत अहंकारी था, मंदोदरी जानती थी कि जिस मार्ग पर वह चल रहा है, उस मार्ग पर सिवाय विनाश के कुछ हासिल नहीं होगा।
- उसने बहुत कोशिश की ताकि रावण सही मार्ग पर चल पड़े, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
रावण का अंत
- मंदोदरी चाहती थी कि रावण, भगवान राम की पत्नी माता सीता को उनके पति के पास भेज दे।
- क्योंकि वह उस श्राप के विषय में जानती थी जिसके अनुसार भगवान राम के हाथ से ही रावण का अंत होना था।
राम-रावण युद्ध
- लेकिन जब राम-रावण युद्ध हुआ, तब एक अच्छी पत्नी की तरह उसने अपने पति का साथ दिया और समर्पित स्त्री की पहचान कराते हुए
- रावण के जीवित लौट आने की कामना के साथ उसे रणभूमि के लिए विदा किया।
युद्ध भूमि
युद्ध के पश्चात मंदोदरी भी युद्ध भूमि पर गई और वहां अपने पति, पुत्रों और अन्य संबंधियों का विनाश देखकर अत्यंत दुखी हुई।
अलौकिक आभा
- फिर उन्होंने भगवान राम की तरफ देखा जो स्वयं अलौकिक आभा से युक्त थे।
- भगवान राम ने लंका के सुखद भविष्य हेतु विभीषण को राजपाट सौंप दिया।
अद्भुत रामायण
- अद्भुत रामायण के अनुसार भगवान राम ने मंदोदरी को यह सुझाव दिया कि वह विभीषण से विवाह कर लें,
- साथ ही उन्होंने मंदोदरी को यह भी याद दिलाया कि वह अभी लंका की महारानी और अत्यंत बलशाली रावण की विधवा हैं।
अयोध्या
- जब भगवान राम अपनी पत्नी सीता और भ्राता लक्ष्मण के साथ वापस अयोध्या लौटे तब पीछे से मंदोदरी ने खुद को महल में कैद कर लिया
- और बाहर की दुनिया से अपना संपर्क खत्म कर लिया।
साम्राज्य
- कुछ समय बाद वह पुन: अपने महल से निकली और विभीषण से विवाह करने के लिए तैयार हो गई।
- विवाह के पश्चात उन्होंने लंका के साम्राज्य को सही दिशा की ओर बढ़ाना प्रारंभ किया।