भोलेनाथ का एक और स्वरूप अर्धनारीश्वर रूप के बारे में जानिए

भोलेनाथ का एक और स्वरूप अर्धनारीश्वर रूप के बारे में जानिए

अर्धनारीश्वर दरअसल शिवजी ने यह रूप अपनी मर्जी से धारण किया था

डेस्क-भगवान् शिवजी की पूजा युगों से हो रही है, यानी जब से सृष्टि की उत्पत्ति हुई है, लेकिन इस बात को बहुत कम लोग ही जानते हैं कि शिवजी का एक और रूप है जो है- अर्धनारीश्वर दरअसल शिवजी ने यह रूप अपनी मर्जी से धारण किया था, शिवजी इस रूप के जरिये लोगों को संदेश देना चाहते थे कि स्त्री और पुरुष समान है, सज्जनों! आज हम जानने की कोशिश करते हैं, आखिर किस वजह से भगवान् शिवजी को यह रूप धारण करना पड़ा था।

गठबंधन पर जमकर बोले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव

  • भगवान् शंकरजी के अर्धनारीश्वर अवतार में हम देखते हैं कि भगवान् शंकरजी का आधा शरीर स्त्री का तथा आधा शरीर पुरुष का है
  • यह अवतार महिला व पुरुष दोनों की समानता का संदेश देता है, समाज, परिवार तथा मानश जीवन में जितना महत्व पुरुष का है
  • उतना ही स्त्री का भी है, एक दूसरे के बिना इनका जीवन अधूरा है, यह दोनों एक दूसरे को पूराक हैं।

मुंबई में भारी बारिश से Flight और Train पर पड़ा बुरा असर

शिवपुराण के अनुसार सृष्टि में प्रजा की वृद्धि न होने पर ब्रह्माजी के मन में कई सवाल उठने लगे, तब उन्होंने मैथुनी सृष्टि उत्पन्न करने का संकल्प किया, लेकिन तब तक शिवजी से नारियों का कुल उत्पन्न नहीं हुआ था, तब ब्रह्माजी ने शक्ति के साथ शिव को संतुष्ट करने के लिए तपस्या की. ब्रह्माजी की तपस्या से परमात्मा शिवजी संतुष्ट हो अर्धनारीश्वर का रूप धारण कर उनके समीप गये तथा अपने शरीर में स्थित देवी शक्ति के अंश को पृथक कर दिया।

आखिर क्यों किया था भगवान कृष्ण ने छल से एकलव्य का वध

उसके बाद ब्रह्माजी ने उनकी उपासना की, उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर शक्ति ने अपनी भृकुटि के मध्य से अपने ही समान कांति वाली एक अन्य शक्ति की सृष्टि की जिसने दक्ष के घर उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिया, दोस्तों, आपने कई बार ये सच सुना होगा कि भगवान की महिमा अपने भक्तो से ही है, भगवान स्वयं से अधिक उनके परम भक्तो का गुणगान करने से अत्यधिक प्रसन्न होते है।

Share this story