अगर आपको Smartphone की है लत तो हो जाये अलर्ट

अगर आपको Smartphone की है लत तो हो जाये अलर्ट

जो लोग Smartphone का अधिक उपयोग करते हैं, वे लगातार गतिविधियों के बीच फोन में खो जाते हैं

डेस्क-Smartphone का अत्यधिक उपयोग चीजों के दुरुपयोग और व्यसन के समान है. जो लोग फोन का अधिक उपयोग करते हैं, वे बहुत अलग-थलग महसूस करते हैं.

Smartphone पर लोग पर असर

  • ऐसे लोग अकेलापन, उदासी और चिंता महसूस करते हैं.
  • एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है. जो लोग Smartphone का अधिक उपयोग करते हैं.
  • वे लगातार गतिविधियों के बीच फोन में खो जाते हैं और अपना ध्यान केंद्रित नहीं रख पाते.
  • फोन के सही उपयोग के बारे में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है कि इस तरह की लत हमें मानसिक रूप से थका देती है और आराम नहीं करने देती.

इसका मतलब यह है कि हमारा दिमाग लगातार सक्रिय और सतर्क रहता है, जोकि इसकी स्वस्थ कार्य प्रणाली के अनुरूप नहीं है. हम लगातार उस गतिविधि की तलाश करते हैं और उसकी अनुपस्थिति में बेचैन, उत्तेजित और अकेलापन महसूस होता है.'

  • यदि हमें 30 मिनट तक कोई कॉल प्राप्त न हो तो चिंता होने लगती है.
  • करीब 30 प्रतिशत मोबाइल उपयोगकर्ताओं में यह समस्या होती है.
  • फैंटम रिंगिंग 20 से 30 प्रतिशत मोबाइल उपयोगकर्ताओं में मौजूद होती है.
  • आपको ऐसा महसूस होता है कि आपका फोन बज रहा है और आप बार बार उसे चेक करते हैं, जबकि ऐसा सच में होता नहीं है.'

सोशल मीडिया की लत सामाजिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव

  • सोशल मीडिया की लत सामाजिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है.
  • इसके जरिए होने वाला संचार आधा-अधूरा होता है और इसे आमने सामने के संचार का विकल्प नहीं माना जा सकता.
  • इसमें शरीर की भाषा और अन्य रिश्तों की गरमाहट का अभाव होता है.
  • 30 प्रतिशत मामलों में स्मार्टफोन माता-पिता के बीच झगड़े का कारण भी बनता है.
  • मोबाइल अधिक उपयोग करने वाले बच्चे अक्सर देर से उठते हैं और स्कूल जाने के लिए तैयार नहीं होते हैं.
  • लोग सोने से पहले स्मार्टफोन के साथ बिस्तर में 30 से 60 मिनट बिताते हैं.
डिजिटल युग में, अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है संयम

गैजेट्स के माध्यम से जानकारी प्राप्त करने के कारण दिमाग के ग्रे मैटर में कमी आती है, जोकि संज्ञान और भावनात्मक नियंत्रण के लिए जिम्मेदार होता है. इस डिजिटल युग में, अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है संयम. हममें से अधिकांश लोग ऐसे उपकरणों के दास बन गए हैं, जो वास्तव में हमें फ्रीडम प्रदान करने के लिए थे और हमें जीवन का अनुभव प्रदान करने और लोगों के साथ रहने हेतु अधिक समय देने के लिए बनाए गए थे. हम अपने बच्चों को भी उसी गलत रास्ते पर ले जा रहे हैं.

इससे बचाने के लिए क्या करे

  • इलेक्ट्रॉनिक कर्फ्यू का मतलब है सोने से 30 मिनट पहले किसी भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का उपयोग न करना.
  • हर तीन महीने में सात दिनों के लिए फेसबुक से अवकाश लें.
  • सप्ताह में एक बार पूरे दिन सोशल मीडिया के इस्तेमाल से बचें.
  • मोबाइल का उपयोग केवल जरूरी बात करने के लिए करें.
  • दिन में तीन घंटे से अधिक समय तक कंप्यूटर का उपयोग ना करें.
  • अपने मोबाइल टॉकटाइम को दिन में दो घंटे से अधिक समय तक सीमित करें.
  • दिन में एक से अधिक बार अपनी मोबाइल बैटरी रिचार्ज ना करें.
  • अस्पताल के सेटअप में मोबाइल भी संक्रमण का स्रोत हो सकता है.
  • इसलिए, इसे हर रोज कीटाणुरहित करना आवश्यक है.

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