जानिए कैसे करें ज्योतिष द्वारा वजन कम करें

जानिए कैसे करें ज्योतिष द्वारा वजन कम करें

डेस्क-आज के समय में बहुत से लोग मोटापे से परेशान हैं। डॉक्टर्स अौर देसी नुस्खों के साथ-साथ ज्योतिष में भी मोटापे से मुक्ति पाने का एक रामबाण उपाय बताया गया है। इस उपाय का प्रयोग पुराने समय से किया जा रहा है। माना जाता है कि इसके प्रयोग से मोटापा कम होने लगता है। ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया ज्योतिष के इन उपाय को करने से मोटापे से छुटकारा मिलना शुरु हो जाता है।

  • मोटापा, जो हर किसी की परेशानी का कारण है। बढ़ता वजन हमारी पर्सनैलिटी के साथ सेहत को भी नुकसान पहुंचाता है।
  • वहीं बढ़ता वजन कई बीमारियों की जड़ भी है। वैसे तो वजन बढ़ने के कई कारण है
  • लेकिन प्रमुख बदलता लाइफस्टाइल, खाने-पीने का गलत टाइम, फास्टफूड, तनाव अन्य आदि है।
  • वजन बढ़ने की समस्या केवल बड़ों को ही नहीं, बल्कि छोटों में भी दिखाई देती है, जो चिंता का विषय बनता जा रहा है।

कई तरह की स्वास्थ संबंधी समस्याओं का कारण भी मोटापा ही है। यह न केवल आपकी पर्सनालिटी को खराब करता है बल्कि हार्ट संबंधी रोग, थायरॉइड, लीवर आदि जैसी बड़ी बीमारियों की भी एक बड़ी वजह है। मोटापा आपको केवल शारीरिक तौर पर हीं प्रभावित नहीं करता बल्कि आपको मानसिक रूप से भी क्षति पहुँचाता है क्योंकि ज्यादा मोटापा बढ़ने से लोग धीरे-धीरे अपना सेल्फ कॉन्फिडेंस खो देते हैं और हर वक़्त दिमाग में यह सवाल घूमते रहता है कि मोटापा कैसे कम करें?

  • चिकित्सीय दृष्टि से तो दूर करने के बहुत सारे तरीके मोटापे को दूर करने के लिये आज मौजूद हैं
  • लेकिन उनके नकारात्मक प्रभाव भी आपके शरीर पर कई बार पड़ जाते हैं
  • फिर भी सबसे पहली प्राथमिकता आपकी शारीरिक व्यायाम और खान-पान में नियमितता और संतुलित आहार होना चाहिये।
  • लेकिन कई बार यह सब करने के बाद भी कोई राहत नहीं मिलती उल्टे दिन ब दिन आपका वजन व आकार बढ़ता रहता है
  • आप परेशान रहने लगते हैं। ऐसे में आपको योग्य एवं अनुभवी ज्योतिषाचार्यों से परामर्श अवश्य लेना चाहिये।
  • फिर भी अपने स्तर पर आप कुछ सरल उपाय भी आजमा कर देख सकते हैं।

मोटापा बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं जैसे : अधिक मसालेदार एवं तेल युक्त भोजन का सेवन, स्थिर जीवनशैली, पर्याप्त नींद ना लेना, आनुवांशिकता, पूर्व चिकित्सा संबंधी समस्या, शारीरिक परिश्रम न करना (निष्क्रिय रहना), मानसिक तनाव, हार्मोन का असंतुलन, मेटाबॉलिज़्म कम होना आदि।

इस अंगूठी को धारण करने से दूर होता है मोटापा

किसी भी रविवार के दिन काले रंग का धागा लेकर उसे अनामिका उंगली में लपेटकर उसके ऊपर रांगे की धातु से बनाई गई अंगूठी धारण कर लें। अंगूठी इस प्रकार पहने की धागा दिखाई न दें। यह अंगूठी सोना-चांदी बेचने वालों की दुकान पर सरलता से मिल जाती है।

क्या कभी आपने शास्त्रीय तरीके से मोटापा कम करने की कोशिश की है। जी हां....
एक मंंत्र का जाप करके आप मोटापा कम कर सकते हैं। रावण संहिता में एक ऐसा उपाय छिपा है जिसे करने से मोटापा कम किया जा सकता है। यह मोटापा कम करने का रामबाण इलाज है।

  • इसके लिए मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति को रविवार की रात को ठीक सवा दस बजे अपने सीधे हाथ की अनामिका ऊँगली में एक रेशमी काला धागा बाँध लें
  • उपरोक्त मंत्र का जाप कम से कम एक माला करें, यानि कि 108 बार। एवं अधिकतम तीन माला ही करें
  • इससे अधिक करना वर्जित है। इस मंत्र को आप प्रतिदिन करेंगे तभी फल प्रदान करेगा।
  • यह कामदेव का मंंत्र है जो यदि रात्रि के समय में किया जाए तो अधिक फलदायी सिद्ध होता है।

ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की कई बार आपके मोटापे का करण आपकी दिनचर्या के साथ आपकी कुंडली ग्रह भी होते हैं जिसके कारण आपको इस समस्या से जुझना पड़ जाता है। आप जिम में खब पसीना बहातें है डॉक्टर की मोटी फीस देकर डाइट चार्ट बनवाते हैं ताकि आपका मोटा कम हो जाए। किन्तु लाखों जतन करने पर भी इस समस्या कम होने का नाम नहीं लेती है।

इसका कारण होता है हमारी कुंडली में विद्यमान ग्रह दोष। कहते हैं कि हमारी शारीरिक गतिविधियाँ या बदलाव हमारे ग्रहों पर निर्भर करती हैं, इसीलिए किसी भी तरह की शारीरिक परेशानी में ज्योतिषीय सलाह भी बेहद महत्वपूर्ण है। ज्योतिष शास्त्र के द्वारा हम मोटापा कम करने के कुछ उपाय प्राप्त कर सकते हैं।ज्योतिषशास्त्र में आपकी शारीरिक बनावट से लेकर आंतरिक स्वभाव तक के बनने में जन्म के समय ग्रहों की दशा को महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार कुछ ग्रहों के प्रभाव से आपके मोटे होने की संभावनाएं प्रबल होती हैं।

कौनसे ग्रह होते हैं मोटापे का कारण

ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की वैसे तो गुरु ग्रह बृहस्पति को मोटापे का कारण माना जाता है लेकिन कुछ परिस्थितियों में चंद्रमा व शुक्र भी आपके शारीरिक आकार व भार के बढ़ने की वजह बन सकता है। मंगल, शनि, राहू और केतु के प्रभाव से जातक छरहरे व पतले रहते हैं। जिन लोगों का चन्द्रमा स्ट्रांग होता है, वह जन्म से गोल-मटोल होते हैं। लेकिन समय के साथ-साथ इनका शारीरिक विकास सही अनुपात में हो जाता है।

  • असल में शारीरिक संरचना का निर्धारण कुंडली से होता है। चंद्रमा, शुक्र और बृहस्पति ये तीनों ग्रह ऐसे हैं
  • जो शरीर में वसा की मात्रा को नियंत्रित करते हैं जो कि आपके मोटापे का कारण होती है। वात, पित और कफ संबंधी विकार भी इसी कारण होते हैं
  • जो कि अंतत: आपके शरीर का असंतुलित विकास करते हैं जिससे जातक अत्यधिक मोटा या फिर अत्यधिक पतला भी हो जाता है।

ज्योतिष शास्त्र में माता-पिता की और संतान की कुंडली परस्पर समानताएं रखती हैं जिसके कारण कुंडली में कालसर्प योग, पितृ दोष और अन्य अनेक योग संतान की कुंडली में भी जन्म लेते हैं। यही कारण है कि पंचम भाव (संतान भाव) को पूर्व पुण्य भाव भी कहा जाता है और पूर्व पुण्य बालक को अपने माता-पिता से डी.एन.ए. के रुप में प्राप्त होते हैं। कौन सा ग्रह हमें मोटापा दे रहा है और कौन सा उपाय हमारे लिए सटीक रहेगा इसकी जानकारी मोटापे से मुक्ति में सहायक सिद्ध हो सकती है। मोटापे का कारण हम ज्योतिष से समझना चाहें तो हमें 9 ग्रहों का विश्लेषण करना होगा। इन नौ ग्रहों में से गुरु मोटापे का मुख्य कारक ग्रह है।

ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की ग्रहों के अतिरिक्त कुंडली में ग्रहों की स्थिति भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आईये जानें कि ग्रहों का मोटापे से किस प्रकार का संबंध है - बृहस्पति गुरु (बृहस्पति) ग्रह वजन बढ़ाने में एक बड़ी भूमिका निभाता है। वह बृहस्पति ग्रह ही है जो हमारे शरीर में वसा को बनाए रखता है। इसी के कारण मोटापा, अत्यधिक खाने की आदत और पेट मोटा और ग्रह मोटापा ग्रहों की युति और स्थिति किस प्रकार मोटापे को प्रभावित करती है, कुछ ऐसे योगों की जानकारी यहां दी जा रही है

  • यदि बृहस्पति जन्मपत्रिका में अस्त या वक्री हो तो पाचन तंत्र के विकारों के कारण मोटापा होता है।
  • जिन व्यक्तियों की कुंडली में गुरु लग्न भाव को पंचम, सप्तम या नवम दृष्टि से देखते है
  • उन व्यक्तियों को मोटापे की समस्या का ज्यादा सामना करना पड़ता है। जिनका लग्न स्वामी बृहस्पति होता है
  • उनका शरीर विशाल होता है। ये खाने के शौकीन होते हैं लेकिन इन्हें तामसिक भोजन (मांस-मदिरा) की जगह मीठा और नमकीन ज्यादा पसंद होता है।
  • यदि कुंडली में बृहस्पति खराब हो या बुरे भाव का स्वामी होकर उच्च राषि में स्थित हो तो वजन तेजी से बढ़ता है।
  • जब-जब गोचर में बृहस्पति लग्न, लग्नेश तथा चंद्र लग्न को देखते हैं तो वजन बढने लगता है।

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