सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों की बच सकती है नौकरी

सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों की बच सकती है नौकरी

चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्णय से प्रभावित करीब पांच हजार कर्मचारियों के भविष्य को लेकर सरकार खासी चिंतित है। हरियाणा सरकार इन कर्मचारियों की नौकरी बचाने को विधानसभा में विधेयक लाने की तैयारी में है। ऐसे में कच्‍चे कर्मचारियों की नौकरी बच सकती है।

पांच हजार के बजाय 50 हजार कच्चे कर्मचारियों का भविष्य होगा सुरक्षित

मनोहरलाल सरकार सर्व कर्मचारी संघ के सुझाव पर प्रदेश सरकार न केवल विधायी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इन कर्मचारियों के प्रति नरम नजर आ रही, बल्कि विधानसभा में बिल पास कर स्टेट आफ कर्नाटक बनाम उमा देवी केस में सर्वोच्च न्यायालय के 10 अप्रैल 2006 के फैसले को निष्प्रभावी बनाने को भी राजी हो गई है।

हाई कोर्ट ने पिछली हुड्डा सरकार के कार्यकाल में बनी नियमितीकरण पालिसी रद कर दी थी, जिस कारण इन कर्मचारियों के भविष्य पर संकट के बादल छा गए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संकेत दिया कि विधानसभा में बिल पारित करने के बाद इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, ताकि इसे संसद में पारित कराया जा सके। इसके बाद 55 हजार से ज्यादा अनियमित (कच्चे) कर्मचारियों के भविष्य पर लटकी तलवार हट जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा था कि बैक डोर भर्तियां बंद होनी चाहिए तथा एक नियमितीकरण पालिसी तैयार की जानी चाहिए। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान धर्मवीर फौगाट व महासचिव सुभाष लांबा के सुझाव पर सरकार बीच का रास्ता निकालने को एक उच्च अधिकार प्राप्त कमेटी बनाने को भी तैयार हो गई है।

यह कमेटी उन संभावनाओं की तलाश करेगी, जिसके आधार पर सरकार अपनी विधायी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए कच्चे कर्मचारियों के हक में विधानसभा में बिल पारित कर केंद्र को भेज सकती है। सर्व कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की बजाय विधायी शक्तियों का प्रयोग करते हुए हाईकोर्ट के 31 मई को दिए गए निर्णय पर रोक लगाने के लिए 15 दिन के भीतर जरूरी कदम उठाए।

सीएम निवास पर करीब एक घंटा चली बैठक के बाद सर्व कर्मचारी संघ ने निर्णय लिया कि ठोस कार्रवाई होने तक आंदोलन जारी रहेगा। इसके तहत मंगलवार को सभी जिला मुख्यालयों पर सत्याग्रह एवं प्रदर्शन किए जाएंगे। पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, ठेका प्रथा खत्म करने, समान काम के लिए समान वेतन तथा मकान किराया भत्ते में बढ़ोतरी के लिए यह सत्याग्रह होगा।

बातचीत के दौरान मुख्य सचिव डीएस ढेसी, सीएम के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, सर्व कर्मचारी संघ के प्रधान धर्मवीर फौगाट, महासचिव सुभाष लांबा, नरेश कुमार शास्त्री, सतीश सेठी, सुनीता, प्रवीण देसवाल नवीन सिंह, प्रदीप सोनी, सोमदत, सुनील कक्कड़, श्रवण कुमार, सुमित कुमार, सीमा चौधरी, नरेंद्र सिवाच, वीरेंद्र राणा व सोमनाथ शामिल रहे। कर्मचारी नेताओं के अनुसार मुख्यमंत्री ने संघ के सुझावों की सराहना करते हुए उन पर अमल का भरोसा दिलाया है।

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