सवालों के घेरे में ICICI बैंक में हुए बड़े पैमाने पर तबादले

सवालों के घेरे में ICICI बैंक में हुए बड़े पैमाने पर तबादले

मुंबई : हितों के टकराव मामले की जांच पूरी होने तक ICICI बैंक की सीईओ चंदा कोचर के छुट्टी पर जाने का फैसला करने और उनकी जगह बैंक की कमान चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर को दिए जाने से कई सवालों के जवाब नहीं मिल पाए हैं। सबसे अहम सवाल यह है कि चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर बनाए गए संदीप बख्शी का रोल बैंक में क्या होगा? ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने मंगलवार को जारी रिपोर्ट में बख्शी की नियुक्ति को अस्थायी बताते हुए बोर्ड में तीन लेवल की रिपोर्टिंग सिस्टम के लिए राजी होने पर सवालिया निशान लगाया है।

जेफरीज इंडिया के इक्विटी ऐनालिस्ट नीलांजन कार्फा ने कहा, 'ICICI बैंक के बोर्ड के फैसले पर कयासबाजी करने के बजाय हम यह सोच रहे हैं कि बैंक में त्रिस्तरीय व्यवस्था कम द्विस्तरीय व्यवस्था बनेगी क्योंकि हमारे हिसाब से लॉन्ग टर्म में सीओओ का रोल गैरजरूरी है। ऐसा लगता है कि बैंक ने बीच का रास्ता निकाला है।' बैंक की लाइफ इंश्योरेंस सब्सिडियरी ICICI प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस की कमान संभाल रहे संदीप बख्शी अब तीन लेवल वाले रिपोर्टिंग सिस्टम में सीओओ हैं। बैंक के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर बख्शी को रिपोर्ट करेंगे जो कोचर के प्रति जवाबदेह होंगे, लेकिन जांच पूरी होने तक वह सीधे बोर्ड को रिपोर्ट करेंगे।

नीलांजन ने कहा, 'बख्शी का पांच साल का कार्यकाल कोचर के कार्यकाल के साथ मार्च 2019 में खत्म हो रहा है। इसके कई मतलब निकाले जा सकते हैं लेकिन हम बोर्ड के फैसले पर कयासबाजी करना नहीं चाहेंगे।' ऐनालिस्टों का मानना है कि बख्शी के अप्वॉइंटमेंट का मतलब बैंक में उनके लिए कोई बड़ा रोल सकता है क्योंकि वह अगले साल कोचर का कार्यकाल खत्म होने तक बैंक में बने रहेंगे और उनका पांच साल का कार्यकाल है।

आईडीएफसी सिक्योरिटीज के माहरुख अजदानिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'हमारे हिसाब से बख्शी बैंक के अंतरिम सीईओ हैं। हमें लगता है कि बाद में वह कोचर की जगह बैंक के सीईओ बन सकते हैं। उनकी अच्छी रेप्युटेशन और बैंकिंग और इंश्योरेंस सेक्टर का उनका अनुभव उन्हें बैंक के सीईओ की पोस्ट के लिए बेस्ट कैंडिडेट बनाते हैं। हमारे हिसाब से वह बैंक की मौजूदा नीतियों को जारी रखेंगे।' ऐनालिस्टों को लगता है कि कोचर का कार्यकाल खत्म होने से छह महीने पहले उनका रिप्लेसमेंट ढूंढने के लिए सर्च कमिटी बनाई जा सकती है। सर्च कमिटी इंटरनल और एक्सटर्नल कैंडिडेट्स दोनों पर विचार कर सकती है, लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक बख्शी के सीईओ चुने जाने की संभावना बहुत ज्यादा है।

बाजार के जानकारों ने बोर्ड के फैसले की सराहना की है। सीईओ के खिलाफ कर्ज देने के मामले में बॉरोअर से लाभ लेने के आरोपों की जांच जिस तरह से हो रही थी उसके लिए बोर्ड की कड़ी आलोचना हो रही थी। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के एम बी महेश की रिपोर्ट के मुताबिक, 'ICICI बैंक के बोर्ड ने इस मामले से निपटने के लिए पिछले कुछ हफ्तों में कई कड़े कदम उठाए हैं जो उसके शेयरों के लिए बड़ी समस्या बनी हुई थी।'

Share this story