अरविंद सुब्रमण्यन के वो 5 कदम, जिन्होंने बदली इकोनॉमी की राह

अरविंद सुब्रमण्यन के वो 5 कदम, जिन्होंने बदली इकोनॉमी की राह

देश के मुख्य आर्थ‍िक सलाहकार अरव‍िंद सुब्रमण्यन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इसकी जानकारी खुद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दी और बताया कि किस तरह उन्हें न चाहते हुए भी अरविंद का इस्तीफा स्वीकार करना पड़ा है. अरविंद ने भी जेटली को बेस्ट बॉस बताते हुए अपने जॉब को अब तक अपना सबसे अच्छा जॉब बताया.

अरविंद सुब्रमण्यन को आर्थ‍िक सलाहकार के तौर पर नियुक्त करने का सुझाव खुद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिया था. देश के मुख्य आर्थ‍िक सलाहकार बनने से पहले वह पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में सीनियर फेलो रह चुके हैं. इसके अलावा वह सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट में भी सीनियर फेलो रह चुके हैं.

अरविंद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में इकोनॉमिस्ट के तौर पर काम कर चुके हैं. उन्हें भारत, चीन और वैश्व‍िक अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ के तौर पर जाना जाता है. उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज और आईआईएम अहमदाबाद से पढ़ाई की है. अरव‍िंद ने ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी से एम.फिल और डी. फिल की डिग्री भी हासिल की है.

अरविंद ने मुख्य आर्थ‍िक सलाहकार के तौर पर मोदी सरकार की कई अहम योजनाओं को रफ्तार देने में मदद की. उन्होंने इकोनॉमिक सर्वे को नये तरीके से पेश किया और मोदी सरकार के कार्यकाल में इकोनॉमी की राह तय करने के लिए भी कई अहम फैसले लिए.

नया आइडिया-नई पॉलिसी:

अरविंद सुब्रमण्यन को नये आइडिया और पॉलिसी स्तर पर नये बदलाव लाने के लिए जाना जाता है. उन्होंने जन धन, आधार और मोबाइल को सरकारी योजनाओं का लाभ लाभार्थ‍ियों तक पहुंचाने के लिए इस्तेमाल करने की धारणा तैयार की. अरविंद को फर्टिलाइजर, केरोसीन और पावर के क्षेत्र में नये बदलाव करने के लिए भी जाना जाता है.

अरव‍िंद ने लॉन्च किया 'स्वयंम'

मोदी सरकार का ऑनलाइन एजुकेशन प्लैटफॉर्म, 'स्वयंम' से लाखों लोग श‍िक्षा ग्रहण करते हैं. इस पोर्टल को लॉन्च करने का श्रेय भी अरविंद सुब्रमण्यन को जाता है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसको लेकर कहा था कि देश में यह सबसे ज्यादा फॉलो किया जाने वाला कोर्स है.

इकोनॉमिक सर्वे में किए अहम बदलाव

अरविंद ने अपने चार साल के कार्यकाल के दौरान चार इकोनॉमिक सर्वे पेश किए. कुछ समीक्षक उनके इन सर्वे को सबसे बेहतर बताते हैं. उन्होंने इकोनॉमिक सर्वे के जरिये देश की अर्थव्यवस्था और उसका गहराई से विश्लेषण किया. उन्होंने इकोनॉमिक सर्वे के जरिये बिग डाटा एनालिसिस किया. इस एनालिसिस ने देश की अर्थव्यवस्था का मूड जानने में मदद की.

जीएसटी को लागू करने में अहम योगदान

अरविंद सुब्रमण्यन की देश में जीएसटी लागू करने में भी अहम भूमिका रही है. रेवेन्यू न्यूट्रल रेट (जीएसटी के तहत रेट तय करने का ढांचा) पर उनकी रिपोर्ट ने ही जीएसटी के तहत टैक्स स्ट्रक्चर तैयार करने में मदद की. इससे जीएसटी लागू करने के लिए उन्होंने राह आसान की. यही नहीं, जीएसटी लागू होने के बाद वह जीएसटी परिषद की हर बैठक में शामिल रहे और उन्होंने अपने सुझाव व विचार भी जाहिर किए.

यूनिवर्सल बेसिक इनकम

अरविंद सुब्रमण्यन उनमें से एक हैं, जो यूनिवर्सल बेसिक इनकम की धारणा का समर्थन करते हैं. इस्तीफे की घोषणा के बाद अरविंद ने बुधवार को मीडिया को संबोध‍ित करते हुए कहा कि वह आज भी यूनिवर्सल बेस‍िक इनकम को लागू किए जाने का समर्थन करते हैं.

बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को अरव‍िंद सुब्रमण्यन के मुख्य आर्थ‍िक सलाहकार के पद से इस्तीफे देने की बात जाहिर की थी. अरविंद सुब्रमण्यन ने अपने पद से इस्तीफा देने के लिए निजी वजहों का हवाला दिया है.

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