जानिए क्या संकेत देता है तुलसी का मुरझाया पौधा

जानिए क्या संकेत देता है तुलसी का मुरझाया पौधा

डेस्क- शास्त्रों के अनुसार तुलसी के पत्ते कुछ खास दिनों में नहीं तोड़ने चाहिए। ये दिन हैं एकादशी, रविवार और सूर्य या चंद्र ग्रहण काल। इन दिनों में और रात के समय तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। बिना उपयोग तुलसी के पत्ते कभी नहीं तोड़ने चाहिए। ऐसा करने पर व्यक्ति को दोष लगता है। अनावश्यक रूप से तुलसी के पत्ते तोड़ना, तुलसी को नष्ट करने के समान माना गया है।

प्रकृति की अपनी एक अलग खासियत है। इसने अपनी हर एक रचना को बड़ी ही खूबी और विशिष्ट नेमत बख्शी है। इंसान तो वैसे भी प्रकृति की उम्दा रचनाओं में से एक है जो समझदारी और सूझबूझ से काम लेता है। इसके अलावा जानवरों की खूबी ये है

कि वे आने वाले खतरे, मसलन भूकंप, सुनामी, पारलौकिक ताकतों आदि को पहले ही भांप सकने में सक्षम होते हैं। लेकिन बहुत ही कम लोग यह बात जानते हैं कि पौधों के भीतर भी ऐसी ही अलग विशेषता है, जिसे अगर समझ लिया जाए तो घर के सदस्यों पर आने वाले कष्टों को पहले ही टाला जा सकता है।

2. क्यों मुरझाता है तुलसी का पौधा
शायद कभी किसी ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि चाहे तुलसी के पौधे पर कितना ही पानी क्यों ना डाला जाए, उसकी कितनी ही देखभाल क्यों ना की जाए, वह अचानक मुरझाने या सूखने क्यों लगता है|

3. क्या बताना चाहता है
आपको यकीन नहीं होगा लेकिन तुलसी का मुरझाया हुआ पौधा आपको यह बताने की कोशिश कर रहा होता है कि जल्द ही परिवार पर किसी विपत्ति का साया मंडरा सकता है। कहने का अर्थ यह है कि अगर परिवार के किसी भी सदस्य पर कोई मुश्किल आने वाली है तो उसकी सबसे पहली नजर घर में मौजूद तुलसी के पौधे पर पड़ती है।

4. हिन्दू शास्त्र
शास्त्रों में यह बात भली प्रकार से उल्लिखित है कि अगर घर पर कोई संकट आने वाला है तो सबसे पहले उस घर से लक्ष्मी यानि तुलसी चली जाती है और वहां दरिद्रता का वास होने लगता है।
5. बुध ग्रह
जहां दरिद्रता, अशांति और कलह का वातावरण होता है वहां कभी भी लक्ष्मी का वास नहीं होता। ज्योतिष के अनुसार ऐसा बुध ग्रह की वजह से होता है क्योंकि बुध का रंग हरा होता है और वह पेड़-पौधों का भी कारक माना जाता है।

6. लाल किताब
ज्योतिष शास्त्र से संबंधित लाल किताब के अनुसार बुध को एक ऐसा ग्रह माना गया है जो अन्य ग्रहों के अच्छे-बुरे प्रभाव को व्यक्ति तक पहुंचाता है। अगर कोई ग्रह अशुभ फल देने वाला है तो उसका असर बुध ग्रह से संबंधित वस्तुओं पर भी होगा और अगर कोई अच्छा फल मिलने वाला है तो उसका असर भी बुध ग्रह से जुड़ी चीजों पर दिखाई देगा।

7. अच्छा और बुरा प्रभाव
अच्छे प्रभाव में पेड़-पौधे फलने-फूलने लगते हैं और बुरे प्रभाव में मुरझाकर अपनी दुर्दशा बयां कर देते हैं।
8. विभिन्न प्रकार की तुलसी
शास्त्रानुसार तुलसी के विभिन्न प्रकार के पौधों का जिक्र मिलता है, जिनमें श्रीकृष्ण तुलसी, लक्ष्मी तुलसी, राम तुलसी, भू तुलसी, नील तुलसी, श्वेत तुलसी, रक्त तुलसी, वन तुलसी, ज्ञान तुलसी मुख्य रूप से उल्लिखित हैं। इन सभी के गुण अलग-अलग और विशिष्ट हैं। तुलसी मानव शरीर में कान, वायु, कफ, ज्वर, खांसी और दिल की बीमारियों के लिए खासी उपयोगी है।

9. वास्तुशास्त्र में तुलसी
वास्तुशास्त्र में भी तुलसी को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। वास्तु के अनुसार तुलसी को किसी भी प्रकार के दोष से मुक्त रखने के लिए उसे दक्षिण-पूर्व से लेकर उत्तर-पश्चिम, किसी भी स्थान तक लगा सकते हैं। अगर तुलसी के गमले को रसोई के पास रखा जाए तो किसी भी प्रकार की कलह से मुक्ति पाई जा सकती है। जिद्दी पुत्र का हठ दूर करने के लिए पूर्व दिशा में लगी खिड़की के सामने रखें।

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