300 वर्ष पुराना चिंताहरण हनुमान जी का मंदिर इनके साथ दो राक्षसों की भी पूजा जाती है जानिए क्या है रहस्य

300 वर्ष पुराना चिंताहरण हनुमान जी का मंदिर इनके साथ दो राक्षसों की भी पूजा जाती है जानिए क्या है रहस्य

इस मंदिर में बजरंबली के साथ दो राक्षसों की भी पूजा जाती है

डेस्क-झांसी के पास पंचकुइयां इलाके में संकटमोचन महावीर बजरंबली जी का मंदिर है. इस मंदिर में बजरंबली के साथ दो राक्षसों की भी पूजा जाती है. यह दो राक्षस हैं रावण का बहुत प्रिय अहिरावण और महिरावण. यह मंदिर रामायण के लंकाकांड में हनुमान जी द्वारा अहिरावण और महिरावण वध की कथा को बताता है. पुरातत्‍वविदों के मतानुसार, चिंताहरण हनुमान जी का यह मंदिर लगभग 300 वर्ष पुराना है |

  • वीर हनुमान का यह प्रतिमा पांच फुट ऊंचा है. महावीर के कंधे पर श्रीराम और लक्ष्‍मण जी विराजमान हैं |
  • पैरों से एक तांत्रिक देवी को कुचलते हुए दिखाया गया है |
  • इसी प्रतिमा के साथ ही अहिरावण और महिरावण की प्रतिमाएं भी हैं |
  • इस प्रतिमा में तांत्रिक देवी की मां हनुमान जी से क्षमा मांगते दिख रही है |
  • प्रतिमा के दाएं ओर हनुमान जी के पुत्र मकरध्‍वज भी है |

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