जानिए कैसे शुरू हुई भगवान श्री जगन्नाथ की रथयात्रा

जानिए कैसे शुरू हुई भगवान श्री जगन्नाथ की रथयात्रा

श्री जगननाथ पूरी चार परम धामों में एक धाम माना गया है

डेस्क-भगवान श्री जगननाथ पूरी चार परम धामों में एक धाम माना गया है। ऐसी मान्यता है की सतयुग में बदरीनाथ, त्रेता में रामेश्वरम, द्वापर में द्वारकापुरी, और कलयुग में श्रीजगन्नाथ पूरी ही पावनकारी धाम है। पहले यहां नीलांचल नामक पर्वत था और नीलमाधव की श्रीमूर्ति भी यहां इसी पर्वत में स्थापित थी। जिसकी देवता अराधना करते थे।

यह पर्वत भिमी में चला गया और देवता मूर्ति अपने साथ ही ले गए। पर उनकी स्मृति में इस क्षेत्र को नीलांचल कहा जाता है। श्री जगननाथ मंदिर पर लगा चक्र नीलच्छ्त्र कहलाता है। जहां तक यह चक्र दिखाई देता है |

  • वहा तक श्रीजगन्नाथ पूरी है। इस क्षेत्र के अनेक नाम है।
  • इसे श्रीक्षेत्र ,पुरुषोत्तमपूरी और शंखक्षेत्र भी कहते है
  • क्योकि इस पुरे पुण्य स्थल की आकृति शंख के समान है।
  • शाक्त इसे उड्डीयन पीठ कहते है। कहा जाता है यहां सती माता का नाभि गिरा था।
  • उत्कल प्रदेश के प्रधान देवता श्री जगननाथ जी ही माने जाते हैं।

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