देवाताओं से उत्पन्न राक्षसों का वध किया भगवान गणेश ने

देवाताओं से उत्पन्न राक्षसों का वध किया भगवान गणेश ने

कथाओं के अनुसार अनेक राक्षस, हमारे देवताओं से भी पैदा हुए थे

डेस्क-पुराणों की कथाओं के अनुसार अनेक राक्षस, हमारे देवताओं से भी पैदा हुए थे। हम लोग अष्टविनायक की पूजा करते हैं। विनायक, गणेश को कहते हैं। अष्टविनायक, गणेश के ही आठ रूप हैं, जो उन्होंने समय-समय पर ऐसे ही राक्षसों पर विजय पाने के लिए धरे थे। एक कथा के अनुसार एक बहुत भयंकर दैत्य था मत्सर। उसने भगवान शंकर से किसी से भी न डरने का वरदान हासिल कर लिया, फिर कैलाश पर्वत सहित पूरी पृथ्वी पर कब्जा कर लिया। वह देवराज इंद्र का पुत्र था, जो उनके अहंकार से पैदा हुआ था।

  • गणेश ने अपने वक्रतुंड रूप में उसे अपने वश में किया था। इसी तरह महर्षि च्यवन के अहंकार से मदासुर नामक दैत्य पैदा हुआ था।
  • उसने देवी भगवती को प्रसन्न किया था और उनके वरदान से धरती और स्वर्ग पर कब्जा कर देवताओं को प्रताड़ित कर रहा था।
  • जब उसका अत्याचार असहनीय हो गया तो देवताओं ने गणेश की प्रार्थना की और उन्होंने एकदंत के अवतार में उसे परास्त कर पाताल में भेज दिया।
  • एक बार कुबेर ने आसक्त हो कर पार्वती के रूप को निहारा था
  • लेकिन उन्हें पार्वती के क्रोध का भी भय था।

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