कष्टों से मुक्ति पाने के लिए शनिवार को कर सकते हैं ये उपाय
Jul 21, 2018, 07:52 IST
शनिवार को शनिदेव की पूजा करने से व्यक्ति पर से साढ़ेसाती और ढैया समाप्त हो जाती है।
डेस्क-शनिदेव सूर्य देव और देवी छाया के पुत्र हैं। इनका जन्म ज्येष्ठ मास की अमावस्या को हुआ था इसी दिन शनि जयंती मनाई जाती है। शनिवार को शनि देव की पूजा का विधान है।
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- एेसी माना जाता है कि इस दिन विशेष पूजा-अर्चना, हवन, उपवास से शनिदेव जल्दी प्रसन्न होते हैं।
- शनिदेव को सहज कुपित होने वाला देव माना जाता है आैर इनकी अनिष्टकारी दृष्टि से मनुष्य ही नहीं देव भी भयभीत रहते हैं।
आइये जाने इस दिन किस तरह पूजन करें जिससे शनिदेव हो जाये प्रसन्न
का प्रभाव खत्म होता
- नव ग्रहों में सातवें ग्रह माने जाने वाले शनिदेव से लोग सबसे ज्यादा डरते जरूर हैं लेकिन वह किसी का बुरा नहीं करते हैं।
- वह लोगों के कर्मों के हिसाब से उनके साथ न्याय करते हैं।
- शायद इसलिए उन्हें न्यायाधीश के रूप में भी पहचाना जाता है।
- शनिवार को शनिदेव की पूजा करने से व्यक्ति पर से साढ़ेसाती और ढैया समाप्त हो जाती है।
- इसके अलावा कुंडली में मौजूद कमजोर शनि का प्रभाव भी खत्म हो जाता है।
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शनि देव की पूजा करने की विधि
- शनिवार को सुबह उठकर स्नानादि कर शुद्ध हों।
- इसके बाद लकड़ी के पाटे पर एक काला कपड़ा बिछाकर उस पर शनिदेव की प्रतिमा रखें।
- इसके बाद उनके पाटे के सामने के दोनों कोनों में घी का दीपक जलाएं व सुपारी चढ़ाएं।
- फिर शनिदेव को पंचगव्य, पंचामृत, इत्र से स्नान कराएं।
- उन पर काले या फिर नीले रंग के फूल चढाएं। इसके बाद उनके गुलाल, सिंदूर, कुमकुम व काजल लगाए।
- पूजा में तेल में तली वस्तुओं का नैवेद्य समर्पित करें। इ
- इस दौरान शनि मंत्र का कम से कम एक माला जप करें।
विशेष लाभ पाने के लिए करें ये उपाय
- के दिन कुछ खास उपाय भी किए जा सकते हैं।
- जैसे सूर्योदय से पहले शरीर पर तेल मालिश करने के बाद स्नान करें।
- इस दिन कहीं यात्रा पर नहीं जाना चाहिए।
- गाय और कुत्तों को तेल में बनी चीजें खिलाने से विशेष लाभ होता है।
- इस दिन शनि मंदिर में शनिदेव के साथ ही हनुमान जी के दर्शन करना शुभ होता है।
- इस दिन शनिदेव की आंखों में नहीं देखना चाहिए।