जनसंवाद मंच के सुनील त्रिपाठी ने फोरलेन सड़क निर्माण में बाधक बने लोगों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करने का दिया पत्र

जनसंवाद मंच के सुनील त्रिपाठी ने फोरलेन सड़क निर्माण में बाधक बने लोगों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करने का दिया पत्र
  • नगर में बन रहे फोरलेन सड़क निर्माण में बाधक बने नगर मजिस्ट्रेट , अधिशासी अभियन्ता PWDगोंडा तथा अवैध अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करने का दिया पत्र
  • माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को दरकिनार कर अवैध कब्जेदारों को जा रहा है बचाया


गोण्डा । नगर में बन रहे राष्ट्रीय राजमार्ग फोरलेन निर्माण में प्रशासन द्वारा अतिक्रमण ना हटवा पाने से संबंधित कार्यदायी संस्था को सड़क निर्माण में लेटलतीफी करने के कारण जहां आम जनमानस को प्रतिदिन जाम व धूल धक्कड़ से जूझना पड़ता है, वही इस सड़क के गुणवत्तापरक निर्माण को लेकर जिले के समाजसेवी जनमंच के सुनील त्रिपाठी ने मुहीम छेड़ रखी है तथा नगर में बन रहे सड़क निर्माण में बाधक बने लोगों के विरुद्ध नगर कोतवाली में पत्र देकर मुकदमा पंजीकृत करने का अनुरोध किया है ।

क्या कहते हैं जनसंवाद मंच के समाजसेवी सुनील त्रिपाठी

नगर में बने रहे NH फोरलेन सड़क निर्माण में लेटलतीफी वाह प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते हुए युवा समाजसेवी सुनील त्रिपाठी ने बताया कि बड़गांव पुलिस चौकी से लेकर जयनारायण चौराहे तक सड़क निर्माण में सबसे बड़ा बाधक स्टेशन रोड स्थित पथिक इन होटल सहित अन्य कई दुकानों ने लोक निर्माण की भूमि पर वर्षों से अतिक्रमण कर रखा है, जिससे शहर में अक्सर जाम की स्थित बनी रहती है।
गोंडा जरवल रोड नेशनल हाईवे में पास होने की वजह से नगर क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण किया जा रहा है, जिस हेतु पथिक होटल सहित अन्य दुकानों को गिराए जाने हेतु प्रशासन ने नोटिस दिया।
उक्त नोटिस के विरुद्ध होटल मालिक श्री रमेश चन्द्र अग्रवाल ने माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल किया।
माननीय उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुना तथा साक्ष्य देखने के बाद आदेश दिनांक 20 मार्च 2018 में कहा कि जिस जमीन पर होटल बनाया गया है, वह लोक निर्माण विभाग की जमीन है, तथा होटल का नक्शा पास करने को विभागीय भ्रष्टाचार मानते हुए जिला प्रशासन को उन भ्रष्ट अधिकरियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कृति कार्यवाई से शासन को अवगत कराने को कहा।

युवा समाजसेवी ने जिला प्रशासन पर लगाया सवालिया निशान

उच्च न्यायालय के स्प्ष्ट निर्देश के बावजूद 4 माह से अधिक समय बीत गया है, लेकिन जिला प्रशासन अनजान कारणों से पथिक सहित अन्य अतिक्रमण को संरक्षण दिए जा रहा है।
इसी क्रम में एक जनसुनवाई का जवाब देते हुए लोक निर्माण विभाग खण्ड 2 के अधिशाषी अधिकारी ने होटल पथिक व अन्य को स्टे प्राप्त मिलने की वजह से होटल को गिराया जाना संभव न बताकर आम जनमानस के साथ केवल धोखाधड़ी ही नहीं किया बल्कि उच्च न्यायालय का अपमान भी किया है।
इसी क्रम में एक कदम आगे बढ़ते हुए दिनांक 21 जुलाई 2018 को अवैध कब्जेदारों ने सिटी मजिस्ट्रेट को जांच कर होटल व अन्य दुकानों को न गिराने का ज्ञापन दिया, जिसे सिटी मजिस्ट्रेट ने स्वीकार किया, जबकि उच्च न्यायालय उक्त कब्जे को अवैध मानकर कब्जेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश कर चुका है। ऐसे में उच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध ज्ञापन लेना फिर से उच्च न्यायालय की अवमानना है।
स्प्ष्ट है कि जिला प्रशासन कोर्ट के आदेश का अनुपालन नही करना चाहता है, ऐसे में जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमारा कर्तव्य है कि हम उच्च न्यायालय आदेश के अनुपालन हेतु आगे बढ़े। उक्त सभी तथ्यों को दृष्टिगत करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट, अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग खण्ड 2 सहित अन्य अवैध कब्जेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने की कृपा करें। उक्त जानकारी दूरभाष पर जनसंवाद मंच के सुनील त्रिपाठी द्वारा दिया गया । प्रभारी निरीक्षक नगर कोतवाली से इस संबंध में फोन द्वारा जानकारी लेने पर उनका फोन नहीं उठा ।

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