चंद्र ग्रहण लगाने का सबसे बड़ा रहस्य जानिए

चंद्र ग्रहण लगाने का सबसे बड़ा रहस्य जानिए

भगवान विष्णु ने देवताओं और असुरों को अलग-अलग बिठा दिया

डेस्क-चंद्र ग्रहण के दिन देवी-देवताओं के दर्शन करना अशुभ माना जाता है। इस दिन मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे और किसी भी तरह की पूजा का विधान नहीं किया जाता है। भारत में चंद्र ग्रहण को लेकर कई धारणाएं प्रचलित है लेकिन विज्ञान के मुताबिक यह पूरी तरह खगोलीय घटना है। आइए आज जानते हैं क्या होता है चंद्र ग्रहण और यह कैसे होता है।

  • पौराणिक कथानुसार समुद्र मंथन के दौरान जब देवों और दानवों के साथ अमृत पान के लिए विवाद हुआ|
    तो इसको सुलझाने के लिए मोहनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया।
  • जब भगवान विष्णु ने देवताओं और असुरों को अलग-अलग बिठा दिया।
  • लेकिन असुर छल से देवताओं की लाइन में आकर बैठ गए और अमृत पान कर लिया।
  • देवों की लाइन में बैठे चंद्रमा और सूर्य ने राहू को ऐसा करते हुए देख लिया।
  • इस बात की जानकारी उन्होंने भगवान विष्णु को दी|
  • जिसके बाद भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से राहू का सर धड़ से अलग कर दिया।

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