गोण्डा के विकास में बाधक बन रहे अधिकारी डीएम को कर रहे गुमराह
जिले के अधिकारियों ने लगाया DM गोंडा की साख पर बट्टा
जिले के अधिकारियों/कर्मचारियों की कार्यशैली से हो रही जिलाधिकारी गोण्डा की छवि धूमिल
जिलाधिकारी के आदेशों /निर्देशों को अनदेखा कर रहे जिले के अधिकारी /कर्मचारीगण
गोण्डा । अपने कार्यशैली से जनपद में एक अलग पहचान बनाने वाले जिलाधिकारी कैप्टन प्रभांशु श्रीवास्तव पर आज जिले की जनता उंगली उठाने पर मजबूर हो रही है क्योंकि उनके अधीनस्थ अधिकारियों / कर्मचारियों ने उनके बने साख पर बट्टा लगाना प्रारंभ कर दिया है । जिले में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का बीड़ा लिए जिलाधिकारी अब कमजोर नजर आते दिखाई पड़ रहे हैं क्योंकि उनके द्वारा जनपद के अधिकारियों कर्मचारियों को दिए गए आदेश निर्देशों का पालन उन लोगों द्वारा ना करके उसे नजरअंदाज करना दिखाई पड़ रहा है । जिससे जनपद के आम लोगों का विश्वास जो पहले जिलाधिकारी के प्रति बन चुका है उसमें आम चर्चाओं के आधार पर कमी आ रही सुनाई पड़ रही है ।
जनपद में पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बैठक में अधिकारियों/ कर्मचारियों को दिए थे सख्त निर्देश
जिलाधिकारी कैप्टन प्रभांशु श्रीवास्तव ने जनपद में 9 जून 2018 को पदभार ग्रहण करने के बाद 11 जून 2018 को अपने अधीनस्थ अधिकारियों कर्मचारियों के साथ बैठक कर जनपद में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए जहां भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस अपनाया जाएगा कि बात कही थी ,वही उपस्थित लोगों से लोक सेवक बनकर जनता के हित में कार्य करने का अपील भी किया था । बैठक को संबोधित करते हुए उस समय उन्होंने कहा था कि हम लोग सेवक हैं यह बात हमेशा दिमाग में रखें ।
काम ना करने के बहुत बहाने हो सकते हैं परंतु होने वाले कार्यों को कतई ना रोका जाए , ना होने वाले कार्यों को तुरंत मना कर दें । आवेदक/ फरियादियों को बेवजह ना दौड़ायें, लेकिन जनपद के अधिकारियों कर्मचारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगने वाला है जिसके चलते फरियादियों की संख्या जिलाधिकारी के जनता दर्शन में बढ़ती नजर आ रही हैं ।
जिलाधिकारी के चेतावनी के बाद भी अधिकारियों /कर्मचारियों में कोई नहीं सुधार
जिले में अधिकारियों कर्मचारियों के कार्यशैली से पूर्वा जनपद पानी पानी है अर्थात शर्मसार है । आम जनमानस के परेशानी का कारण भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे इन अधिकारी /कर्मचारीगण हैं ।
उदाहरण के लिए आपको जनपद के एक विभाग का मिसाल पेस कर रहे हैं ।
केस नंबर 1 -
जरवल फरेंदा निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति नगर में बड़गांव पुलिस चौकी से जयनारायण चौराहे तक वर्तमान में बद से बदतर बनी हुई है जिसके जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों को प्रशासन द्वारा पूर्व में कई बार समय सीमा तय करते हुए चेतावनी दी जा चुकी है फिर भी उनके कानों में आज तक जो नहीं रहेगा जिससे उनकी ही मनमानी चली जिसका खामियाजा आम जनता भुगत रही है ।
केस नंबर दो
वर्तमान में नगर में नव निर्माण सड़क बस स्टॉप से Maruti चौराहा बहराइच रोड अधिकारियों व ठेकेदारों के कमीशनखोरी की भेंट चढ़ कर गड्ढे में तब्दील हो गया जिससे कभी भी भयंकर दुर्घटना की आशंका बनी हुई है ।
केस नंबर 3
नगर में मानक विहीन पूर्व में बनाई गई RCC सड़कें समय से पूर्व गड्ढे में तब्दील हो गई है जिम्मेदार अधिकारी ठेकेदार से कमीशनखोरी करके मस्त हैं वहीं जनता त्रस्त है ।
जन चर्चाओं के अनुसार
आम लोगों के अनुसार जब तक जिम्मेदार अधिकारियों /कर्मचारियों को कार्यों के प्रति लापरवाही बरतने पर कठोर दंड नहीं मिलता है तब तक यह लोग जनता से आंख मिचौली का खेल खेलकर हमेशा लूटते रहेंगे और आम जनमानस को भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे इन अधिकारियों से न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है तथा ऐसे अधिकारी जिले के मुखिया अधिकारी के साख पर भी बट्टा लगाएंगे ।