कैसे बना मूषक भगवान गणेश की सवारी जानिए
Aug 3, 2018, 10:26 IST
उस वक्त महर्षि पराशर के आश्रम में भगवान गणेश भी मौजूद थे
डेस्क-भगवान गणेश का चूहा पूर्व जन्म में एक गंधर्व था, जिसका नाम क्रोंच था। एक बार देवराज इंद्र की सभा में गलती से क्रोंच का पैर मुनि वामदेव के ऊपर पड़ गया। मुनि वामदेव को लगा कि क्रोंच ने उनके साथ शरारत की है इसीलिए रूष्ठ होकर उन्होंने उसे चूहा बनने का श्राप दे दिया। उस श्राप के कारण क्रांेच एक चूहा बन चुका था, लेकिन विशालकाय था। एक बार वो महर्षि पराशर के आश्रम में पहुंच गया। वहां पहुंचकर उसने मिट्टी के सभी पात्र तोड़ डाले और उत्पात मचाने लगा।
- उस वक्त महर्षि पराशर के आश्रम में भगवान गणेश भी मौजूद थे।
- गणेश जी ने उस मूषक को सबक सिखाने के लिए अपना अस्त्र फेंका।
- अस्त्र को अपनी तरफ बढ़ते हुए देख मूषक पाताल लोक पहुंच गया।
- अस्त्र की पकड़ से मूषक बेहोश हो गया, जैसे ही उसे होश आया उसने खुद को भगवान गणेश के सामने पाया।
- बिना देरी किए मूषक गणेश जी से अपने प्राणों की भीख मांगने लगा।