मंत्री ने दिया संकेत किसी खास स्थान को ही छूकर घाघरा आएगी वापस

मंत्री ने दिया संकेत किसी खास स्थान को ही छूकर घाघरा आएगी वापस

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के दौरे पर आए सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने दिया अटपटा बयान, कहा- एक खास स्थान को छूकर ही लौटेगा पानी,

विधायक ने भी हंसकर बाढ़ पीड़ितों के जख्मों पर रगड़ा नमक

बाराबंकी - नेपाल से लगातार बारिश का पानी छोड़ने के चलते उफान मारती घाघरा तराई क्षेत्र में कहर बरपा रही है। आबादी में नदी का पानी घुसने से कई गांव बाढ़ की जद में आ गए।

खेत, खलिहान, सड़कें और घर हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। नदी का पानी हर पल तेजी से बढ़ रहा है। जिससे नदी का जलस्तर खतरे के निशान से करीब आधा मीटर ऊपर पहुंच गया है। नदी के किनारे कचनापुर, हेतमापुर, सरसंडा, जमका, खुज्जी, करौनी, तेलवारी, सनावा और गेदरपुर गांवों में पानी भर रहा है। गांव के हजारों लोग सुरक्षित ठिकानों पर पलायन करने को मजबूर हैं।

वहीं इसी बीच आज यूपी के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह बाराबंकी दौरे पर पहुंचे और उन्होंने बाढ़ से प्रभावित इलाकों का दौरा किया। साथ ही हेतमापुर में स्थापित राहत शिविर का भी जायजा लिया। यहां तक तो सब ठीक था, लेकिन अपने दौरे के दौरान मंत्री जी ने बाढ़ को लेकर कुछ ऐसा कह दिया जो बाढ़ पीड़ितों के जख्मों पर नमक रगड़ने जैसा था।

- सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने अपने दौरे के दौरान अंधविश्वास से भरा ऐसा बयान दिया जो थोड़ा अटपटा सा है। मंत्री जी ने कहा कि बाढ़ को लेकर बैठक में उनको विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अभी घाघरा का पानी और बढ़ेगा। इस नदी का नेचर है कि ये किसी खास स्थान को छूकर ही वापस लौटेगी। अभी नदी ने उस जगह को छुआ नहीं है इसलिए अभी संभावना है की पानी और बढ़ेगा। नदी का पानी जब वहां पहुंच जाएगा उसके बाद अपने आप वापस चला जाएगा। मतलब मंत्री जी कहना चाहते हैं कि बाढ़ प्रभावितों को राहत देने के बजाय अभी और विनाश का इंतजार किया जाए।

सरकार के अधिकारी हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाएं और नदी का पानी उस खास स्थान पर पहुंचने की राह देखें। अब मंत्री जी को ये कौन समझाए कि जिन लोगों का इस बाढ़ के पानी में सबकुछ उजड़ गया है वह समस्या का स्थायी समाधान चाहते हैं। मंत्री जी का ये तर्क उन बाढ़ पीड़ितों के साथ एक मजाक की तरह है जिनका सबकुछ तबाह हो गया।

मंत्री जी के इस बयान का रामनगर से बीजीपी विधायक शरद अवस्थी भी हंसकर समर्थन कर रहे थे। समर्थन करें भी क्यों न, आखिर उनको ग्रामीणों की तरह जिंदगी की ऐसी जंग जो नहीं लड़नी। उनको तो बस यहां आना है और डियर से नजारा देखकर वापस चले जाना है। अब योगी सरकार के मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों को ये कौन समझाए कि बाढ़ पीड़ित उनसे अपनी इस समस्या का स्थाई समाधान चाहते हैं। लेकिन ये सभी जिम्मेदार हर बार कुछ न कुछ ऐसा बोल जाते हैं जो उनकी समस्ताओं को कम करने के बजाय बढ़ा देता है। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले योगी सरकार की कैबिनेट मंत्री स्वाति सिंह ने भी बाढ़ को लेकर एक अजीबोगरीब बयान दिया था। उन्होंने बाढ़ को एक दैवीय आपदा बताते हुए कहा था कि इसका स्थाई समाधान नहीं किया जा सकता।



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