वास्तु के नियमों का रखें ध्यान, घर में आएगी खुशियां
घर के मुख्य द्वार को खुशियों का प्रवेश द्वार माना जाता है, यहीं से घर में संपन्नता और समृद्धि आती है।
डेस्क-जीवन का पहला लक्ष्य होता है की हमारा घर मजबूत और वास्तु दोष से मुक्त हो। इसकी शुरुआत घर के मुख्य द्वार से ही होती है।
ज्योतिष शास्त्र के हेल्थ पर असर डालने के साथ ही जिंदगी भी बदल सकता है मुख्य द्वार क्योंकि मुख्य द्वार से जुड़ी है आपकी तकदीर जिसके द्वारा आप बदल सकते हैं अपने जिंदगी की तस्वीर।
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- परिवार में खुशियों का संबंध कहीं ना कहीं ज्योतिष और वास्तु के भी नियमों पर निर्भर होता है।
- आपका घर और घर का मुख्य द्वार भी आपके भाग्य और जीवन में हो रहे बदलाव के लिए काफी हद तक जिम्मेदार होते हैं।
- अगर घर का नक्शा वास्तु के नियमों के आधार पर ना हो तो घर में रहने वाले लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
- परिवार में कोई सदस्य किसी बीमारी का शिकार हो सकता है या उसे मानसिक आघात हो सकता है व परिवार में आर्थिक तंगी आ सकती है।
परिवार में खुशहाली तभी आती है,जब सभी सदस्य खुश हो। इसके लिए लोग वास्तु के कुछ नियमों का भी पालन करते हैं। जिससे सभी तरह की नकारात्मकता निकल कर परिवार और घर में पॉजीटिव एनर्जी आए।
आइए जानें कुछ वास्तु नियम जो की उन्नति के लिए बहुत लाभकारी हैं
- घर के बीचो-बीच भारी-भरकम फर्नीचर न रखें।
- ब्रह्मस्थान को हमेशा खाली रखना चाहिए।
- घर के मुख्य द्वार पर सिंदूर से स्वास्तिक चिन्ह बनाएं, इससे नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है।
- पैरों को गीला करके नहीं सोना चाहिए, सूखे पैर सोने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
- घर में कांटेदार पौधे लगाने से रिश्तों में कड़वाहट पनपने लगती है।
- वास्तु के हिसाब से सीढ़िया हमेशा घर के कोने से शुरू होनी चाहिए।
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मुख्य द्वार का महत्व
- घर के मुख्य द्वार को खुशियों का प्रवेश द्वार माना जाता है, यहीं से घर में संपन्नता और समृद्धि आती है।
- इसी स्थान से घर में रहने वाले लोगों का भाग्य निर्धारित होता है।
- मुख्य द्वार अगर ठीक ना हो तो घर में भी खुशियां नहीं आ सकती है।