जानिए कैसे मनाएं आज दूर्वा गणपति व्रत

जानिए कैसे मनाएं आज दूर्वा गणपति व्रत

किसी भी कार्य के करने से पहले सर्वप्रथम भगवान गणेश का नाम लिया जाता है यहां तक शुरुआत करने को ही श्री गणेश कहा जाता है।

डेस्क-श्रीगणेशजी को दूर्वा चढ़ाने से जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो जाता है। साथ ही श्रीगणेश अपने भक्तों पर प्रसन्न होकर उन्हें सुखी जीवन और संपन्नता का आशीर्वाद प्रदान करते है।


गणेशजी को तुलसी छोड़कर सभी पत्र-पुष्प प्रिय हैं।दूर्वा गणपति व्रत में दूर्वा का बेहद खास महत्व है। दूर्वा गणपति व्रत विघ्नहर्ता गणेशजी की आराधना के लिए बहुत अधिक मंगलकारी मानी जाती है। यह व्रत सावन शुक्ल चतुर्थी को पड़ती है। इसलिए इसे वरद चौथ भी कहा जाता है। आज दूर्वा गणपति व्रत 14 अगस्त 2018 को है।

  • इस दिन भगवान गणपति के ‍भक्त विभिन्न प्रकार से उनकी आराधना करते हैं।
  • श्रीगणेश को अति प्रिय दूर्वा को अमृता, शतपर्वा व भार्गवी की उपाधि प्राप्त है। तंत्र उपासना में 2, 3 या 5 दुर्वा अर्पण की जाती है।
  • यज्ञ कार्य में 3 दूर्वा का प्रयोग आणव, कार्मण व मायिक रूपी अवगुणों को भस्म करने हेतु होता है।
  • हम सभी जानते हैं कि भगवान गणेश को को दूर्वा सर्वाधिक प्रिय है।
  • इसलिए दूर्वा गणपति व्रत की पूजा में इन्हें सफेद या हरी दूर्वा चढ़ानी चाहिए।

शास्त्रों में दूर्वा के विषय में कहा गया है कि दूः+अवम्‌, इन शब्दों से दूर्वा शब्द बना है।‘दूः’ यानी दूरस्थ व ‘अवम्‌’ यानी वह जो पास लाता है।दूर्वा वह है, जो गणेश के दूरस्थ पवित्रकों को पास लाती है।भगवान गणेश को अर्पित की जाने वाली दूर्वा कोमल होनी चाहिए।

Skin के प्रॉब्लम को दूर करता है नारियल का तेल

  • ऐसी दूर्वा को बालतृणम्‌ कहते हैं। सूख जाने पर यह आम घास जैसी हो जाती है।
  • दूर्वा की पत्तियां विषम संख्या में (3, 5, 7) अर्पित करनी चाहिए। पूर्वकाल में गणपति की मूर्ति की ऊंचाई लगभग एक मीटर होती थी, इसलिए समिधा की लंबाई जितनी लंबी दूर्वा अर्पण करते थे।
  • मूर्ति यदि समिधा जितनी लंबी हो, तो लघु आकार की दूर्वा अर्पण करना चाहिए।
  • लेकिन यदि मूर्ति बहुत बड़ी हो, तो समिधा के आकार की ही दूर्वा चढ़ाएं।
  • गणेशजी पर तुलसी कभी भी नहीं चढ़ाई जाती है।
  • इसके अलावा चांदनी, चमेली या पारिजात के फूलों की माला बनाकर पहनाने से भी गणेश जी प्रसन्न होते हैं।
  • गणपति का वर्ण लाल है, उनकी पूजा में लाल वस्त्र, लाल फूल व रक्तचंदन का प्रयोग किया जाता है।

Migraine के दर्द को कम करने के लिए डाइट में शामिल करे ये चीजे

Share this story