कर्म और भाग्य का ऐसा नाता ही व्यक्ति को सफल बनाता है
Aug 16, 2018, 04:43 IST
आत्मा और परमात्मा के बीच संबंध एक वास्तविकता
डेस्क-आत्मा और परमात्मा के बीच संबंध एक वास्तविकता है जिसे जितना जल्दी हो स्थापित निष्कर्ष मान लेना चाहिए। इसके साथ ही यह भी मान लेना चाहिए कि व्यक्ति की इच्छाओं को फलित करने का परम अधिकार इस संसार में सिर्फ परमात्मा का है और इसलिए व्यक्ति जो भी इच्छा रखता है उसे परमात्मा की जानकारी में मानना चाहिए, जिसका पूरा होना अमुक व्यक्ति के कर्म और भाग्य पर निर्भर करता है। यदि व्यक्ति के भाग्य में किसी इच्छा का पूरा होना लिखा है और उसने उसी अनुपात में कर्म भी किए हैं तो उसकी इच्छा अवश्य पूरी होगी।
- यह भी हो सकता है कि इच्छा पूरी होने में समय लग रहा हो, जिसके दो कारण हो सकते हैं।
- एक तो व्यक्ति के अभी तक के कर्म वांछित अर्हत के स्तर के हुए ही नही हों और दूसरा यह कि वह इच्छा पूरा होना उसके भाग्य में लिखा ही न हो।
- जैसे ही व्यक्ति के कर्म वांछित स्तर को पा लेंगे, वैसे ही उसकी इच्छा को अंजाम मिल जाएगा।
- बावजूद इसके, यह भी मानकर चलना चाहिए |
- किसी इच्छा के पूरा न होने की स्थिति में भी कर्मों के अनुपात में परमात्मा उस व्यक्ति को कुछ न कुछ जरूर देंगे
- यानि कि व्यक्ति के कर्म व्यर्थ नहीं जाएंगे। इसलिए कर्म करते रहना सबसे महत्वपूर्ण है।