Medicine असली है या नकली पता करने के लिए वैज्ञानिकों ने खोजा ये तरीका

Medicine असली है या नकली पता करने के लिए वैज्ञानिकों ने खोजा ये तरीका

एंटीबायोटिक दवाओं की प्रमाणिकता के प्रूव के लिए जाने क्या खोज की वैज्ञानिको ने

डेस्क-घटिया एंटीबायोटिक दवाइयों से न केवल मरीज की जान को खतरा होता है बल्कि दुनिया भर में एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध की बड़े पैमाने पर प्रोब्लम भी पैदा होती है|

वैज्ञानिकों ने antibiotic medicine की प्रमाणिकता के प्रूव के लिए पेपर पर आधारित एक ऐसी जांच प्रणाली बनायीं है जिससे कुछ ही मिनट में पता चल जाएगा कि दवाई असली है या नकली|

दवाई नकली होने पर यह पेपर एक खास तरह के लाल रंग में बदल जाता है| विकासशील देशों में बड़े पैमाने पर घटिया दवाओं का उत्पादक और वितरण होता है|

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का यह अनुमान है कि दुनियाभर में लगभग 10 फीसदी दवाइयां फर्जी हो सकती हैं और उनमें से 50 फीसदी एंटीबायोटिक के रूप में होती हैं|

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घटिया एंटीबायोटिक दवाइयों से न केवल मरीज की जान को खतरा होता है बल्कि दुनिया भर में एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध की बड़े पैमाने पर प्रोब्लम भी पैदा होती है|

अनुसंधानकर्ताओं ने पेपर पर आधारित जांच का विकास किया है जो तेजी से इस बात का पतालगा सकता है कि दवाई असली है या नहीं|

जाने क्या होते है? एंटीबायोटिक्स

  • एंटीबायोटिक्स को एंटीबैक्टिरियल भी कहा जाता है|
  • बैक्टेरियल इंफैक्शन्स से लड़ने के लिए यह बहुत ही असरदार दवा है|
  • इसको अगर सही तरीके लिया जाय को आपके जीवन को बचा सकता है|
  • लेकिन दूसरी दवा की तरह एंटीबायोटिक्स का भी साइड इफैक्ट होता है|

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जाने कैसे कार्य करते हैं एंटीबायोटिक्स

  • बैक्टीरिया के तेजी से बढ़ने और लक्षण दिखाई देने से पहले शरीर का रोग प्रतिरोधक तंत्र सामान्य तौर पर इन्हें ख़त्म कर सकता है|
  • हमारे शरीर में विशेष श्वेत रक्त कणिकाएं होती हैं, जो हानिकारक बैक्टीरिया पर हमला करती हैं|
  • कभी-कभी जब बैक्टीरिया का संक्रमण सीरिअस होता है, तब एंटीबायोटिक्स की सहायता लेनी पड़ती है, जो बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं या उनके विकास को धीमा कर देते हैं|
  • कई बार संक्रमण को रोकने के लिए एंटीबायोटिक्स को सर्जरी के पहले भी दिया जाता है|

जाने कैसे करे एंटीबायोटिक्स का उपयोग

  1. एंटीबायोटिक्स डॉक्टर की सलाह के बिना न लें|
  2. हर बीमारी के लिए अलग तरह के एंटीबायोटिक्स होते हैं, जिसे डॉक्टर की सलाह से ही समझ सकते हैं|
  3. जितनी मात्रा में और जिस समय डॉक्टर बताएं, उसी अनुसार एंटीबायोटिक्स लें, क्योंकि बताई गई मात्रा और समय का ध्यान न रखना नुकसान पहुंचा सकता है|
  4. डॉक्टर जितने समय के लिए एंटीबायोटिक्स कोर्स करने की सलाह दें, उसे जरूर पूरा करें, तबीयत ठीक लगने पर बीच में ही इनका सेवन बंद न कर दें
  5. अगर आप उपचार तुरंत बंद कर देंगे तो कुछ बैक्टीरिया जीवित रह जाएंगे और आपको फिर से संक्रमित कर देंगे|
  6. हर इंसान के शरीर के हिसाब से अलग एंटीबायोटिक्स लाभ देते हैं, इसलिए किसी दूसरे व्यक्ति के लिए दिए गए एंटीबायोटिक्स का सेवन बिलकुल न करें|
  7. इन्हेंभोजन करने से एक घंटा पहले या दो घंटे बाद लेना चाहिए|

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