जाने कैसे करे मिलावटी Milk की पहचान

जाने कैसे करे मिलावटी Milk की पहचान

केमिकल्स मिला होने के कारण दूध लिवर और किडनी पर बहुत बुरा असर डालता है|

डेस्क-सिंथेटिक दूध को बनाने के लिए यूरिया, कपड़े धोने वाला डिटर्जेंट, सोडा स्टार्च और फॉरेमैलिन मिलाया जाता है| इससे फूड पॉयज़निंग हो सकती है, जिससे उल्टी और दस्त की शिकायत हो सकती है|

Milk सबसे ज्यादा हेल्थी पेय पदार्थों में से एक माना जाता है| इसमें भारी मात्रा में विटामिन, कैल्शियम, प्रोटीन, नियासिन, फास्फोरस और पोटैशियम पाया जाता है | लेकिन आज के वक़्त में मार्केट में मिलने वाले Milk में तरह-तरह की मिलावट की जाने लगी है| जिससे इसकी पौष्टिकता पर निगेटिव असर तो पड़ता ही है, साथ ही इससे हेल्थ को नुकसान पहुंचने की संभावना भी रहती है| केमिकल्स मिला होने के कारण दूध लिवर और किडनी पर बहुत बुरा असर डालता है|

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Milkmilk में डिटर्जेंट की मिलावट ,जाने कैसे करें इसकी पहचान

इसकी पहचान करने के लिए दूध में पानी मिलाएं| यदि झाग आए तो समझ लीजिये दूध में डिटर्जेंट मिला हुआ है|

क्या हो सकते है नुकसान

डिटर्जेट मिले दूध में बहुत ज्यादा मात्रा में सोडा होता है जो किडनी, लिवर और हार्मोन्स आदि को नुकसान पहुंचा सकता है|

जाने क्या है सिंथेटिक दूध कैसे करें इसकी पहचान

सिंथेटिक दूध को हथेलियों के बीच रगड़ें| यदि दूध साबुन जैसा चिकना लगने लगे तो यह सिंथेटिक दूध हो सकता है| इसके अतिरिक्त इसे गर्म करने पर यह हल्का पीला हो जाता है|

जाने क्या हो सकते है नुकसान

सिंथेटिक दूध को बनाने के लिए यूरिया, कपड़े धोने वाला डिटर्जेंट, सोडा स्टार्च और फॉरेमैलिन मिलाया जाता है| इससे फूड पॉयज़निंग हो सकती है, जिससे उल्टी और दस्त की शिकायत हो सकती है| इसके अलावा ये किडनी और लिवर पर भी बहुत बुरा असर डाल सकता है|

कैसे जाने दूध में है पानी

दूध की कुछ बूंदों को किसी प्लास्टिक या किसी प्लेन टुकड़े पर डाल दे |इसके बाद इसे थोड़ा टेढ़ा करें| अगर दूध की बूंद स़फेद लकीर छोड़ते हुए धीरे-धीरे बह रही हो तो इसका मतलब है कि दूध में पानी की मिलावट नहीं की गई है | वहीं अगर स़फेद निशान न छुट रहा हो तो इसका मतलब पानी की मिलावट की गई है|

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जाने क्या हो सकते है नुकसान

पानी की मिलावट करने से दूध पतला हो जाता है, जिससे यह ज्यादा फ़ायदेमंद नहीं रहता है|

दूध में स्टार्च की मिलावट जाने, कैसे करें पहचान

दूध में स्टार्च की मिलावट की पहचान करने के लिए दूध में कुछ बूदें आयोडीन टिंचर या आयोडीन सॉल्युशन की डाल दे | अगर दूध का रंग नीला हो जाए तो इसका मतलब दूध मिलावटी है|

जाने क्या हो सकते है इसके नुकसान

स्टार्च मिलाने पर दूध में हाइड्रोजन पैरॉक्साइड, अमोनिया, नाइट्रेट फर्टिलाइजर और न्यूट्रलाइजर आदि तत्वों की संख्या बढ जाती है, जिससे आंतें, किडनी और लिवर के अलावा कई अंगों पर निगेटिव असर पड़ता है|

जाने कैसे बच्चों और बूढ़ों के लिए है ज़्यादा ख़तरनाक

  • बच्चों का लिवर बड़ों की अपेक्षा में ज़्यादा सेंसिटिव और कमज़ोर होता है|ऐसे में मिलावटी दूध जल्दी और ज़्यादा नुकसान पहुंचा सकता है|
  • बूढ़े लोगों का लिवर भी एक समय के बाद कमज़ोर होने लगता है|
  • ऐसे में मिलावटी दूध में यूरिया, अमोनिया, नाइट्रेट फर्टिलाइजर और स्टार्च जैसे कई हानिकारक पदार्थ होने के कारण उन्हें इसे पचाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है|
  • इसमें मिले केमिकल्स बॉडी की बीमारियों से लड़ने की क्षमता पर भी निगेटिव असर डालते हैं|

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