सरकारी Bank बंद करेगा अपनी 70 विदेशी शाखाओं को

सरकारी Bank बंद करेगा अपनी 70 विदेशी शाखाओं को

एनपीए की प्रॉब्लम से जूझ रहे सरकारी Bank

डेस्क-Bank ने यह निर्णय अपनी लागत को कम करने के लिए किया है। बैंक जल्द ही अपनी 70 शाखाओं पर ताला लगा देंगे।

क्यों बंद करने जा रहे शाखाओं को

  • एनपीए की प्रॉब्लम से जूझ रहे सरकारी Bank जल्द ही विदेश में स्थित अपनी कई शाखाओं को बंद करने जा रहे हैं।
  • अव्यवहारिक विदेशी परिचालनों को बंद किया जा रहा है, जबकि कार्यकुशलता हासिल करने के लिए एक ही शहर या आस-पास के जगहों में कई शाखाओं को तर्कसंगत बनाने का काम चल रहा है।

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पिछले साल भी सरकारी बैंकों ने बंद की थी इतनी शाखाएं

  • इस क्रम में, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की चालू वित्त वर्ष में 70 विदेशी शाखाओं को बंद करने या तर्कसंगत बनाने की प्लानिंग है।
  • पिछले साल सरकारी बैंकों ने 35 विदेशी शाखाएं बंद की थी।
  • आंकड़ों के अनुसार, सार्वजनिक बैंकों की विदेशों में अभी 159 शाखाएं चल रही हैं, जिसमें से 41 शाखाएं 2016-17 में नुक्सान में थी।

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इन Bank की इतनी है शाखाये

  • भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की 9 विदेशी शाखाएं घाटे में हैं, जबकि बैंक ऑफ इंडिया की 8 और बैंक ऑफ बड़ौदा की 7 शाखायें घाटे में हैं।
  • सरकारी बैंकों की 31 जनवरी 2018 तक, करीब 165 विदेशी शाखाओं के अलावा अनुषंगी, संयुक्त उद्यम और प्रतिनिधि कार्यालय हैं।
  • भारतीय स्टेट बैंक(एसबीआई) की सबसे ज्यादा विदेशी शाखाएं (52) हैं, इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा (50) और बैंक ऑफ इंडिया (29) का स्थान है।

सरकारी बैंकों की सबसे ज्यादा शाखाएं

  • सरकारी बैंकों की सबसे ज्यादा शाखाएं ब्रिटेन (32) और उसके बाद हांगकांग (13) और सिंगापुर (12) में हैं।
  • पिछले वर्ष नवबंर में हुए पीएसबी मंथन में बैंकिंग क्षेत्र के एजेंडे के अनुसार, बैंकों को लागत के लिहाज से कुशल बनाने के लिए विदेशी परिचालन को तर्कसंगत बनाने की दिशा में कदम उठाना है।

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