Breast cancer की प्रॉब्लम को कैसे रोका जा सकता है जाने

Breast cancer की प्रॉब्लम को कैसे रोका जा सकता है जाने

Breast cancer लाइलाज नहीं है लेकिन इसके लिए इसका सही समय पर पता लगना जरूरी होता है|

डेस्क-भारत में बीते एक दशक में Breast cancer के मामले बहुत तेजी से बढ़ गए हैं| स्तन कैंसर पश्चिमी देशों की तुलना में भारतीय महिलाओं को कम उम्र में भी शिकार बना रहा है|

भारतीय औरतों में स्तन कैंसर होने की औसत उम्र लगभग 47 साल है, जो कि पश्चिमी देशों के मुकाबले 10 साल कम है| सही जानकारी, जागरुकता, थोड़ी सी सावधानी और समय पर इसके लक्षणों की पहचान और इलाज से इस प्रॉब्लम को दूर किया जा सकता है|

Breast cancer की कोई एक खास वजह नहीं है| यह फेफड़े के कैंसर की तरह नहीं है, जिसमें अगर आप सिगरेट या तम्बाकू बंद कर दें तो इसे रोका जा सकता है लेकिन स्तन कैंसर कई चीजों की वजह से होता है| स्तन कैंसर लाइलाज नहीं है लेकिन इसके लिए इसका सही समय पर पता लगना जरूरी होता है|

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जड़ से किया जा सकता है ख़त्म

  • यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका पता लगाकर जड़ से खत्म किया जा सकता है|
  • इसके लिए इसका पता लगाना बहुत जरूरी है और इसके लिए शुरुआती जागरुकता बहुत जरूरी है|
  • हर औरत को अपने स्तनों की जांच करनी चाहिए और किसी भी प्रकार की असामान्य स्थिति में इसकी डॉक्टरी जांच करानी चाहिए|
  • महिलाओं को महीने में एक बार स्तन की जांच जरूर करनी चाहिए|
  • यह नियमित तौर पर होना चाहिए|
  • इसके लिए खुद को यह समझाना जरूरी है कि यह मेरे लिए सामान्य है|
  • सही जानकारी, जागरुकता, सावधानी और वक़्त पर इसके लक्षणों की पहचान और इलाज से स्तन कैंसर को खत्म किया जा सकता है|
  • एक महिला अपने स्तन को अच्छी तरह से जानती है|
  • उसका आकार क्या है, इत्यादि. अगर स्वत: जांच के समय किसी भी प्रकार की असामान्य बात नजर आती है तो उसकी जांच होनी चाहिए|
  • इस प्रॉब्लम को टालने से बढ़ जाएगी और इसके बाद महिला को उसी के लिए लम्बा इलाज करना होगा|

कब जाँच करे

जिन महिलाओं में माहवारी आ रही है, वे माहवारी शुरू होने के 10 दिन बाद और जिनकी माहवारी बंद हो गई है, वे महीने में एक दिन तय कर लें और जांच करें| दाहिने हाथ से बायां स्तन और बाएं हाथ से दाहिन स्तन गोल-गोल घुमाकर देखें और अगर कोई भी असामान्य बात नजर आती है,या किसी भी तरह का दर्द या फिर निपल्स से किसी भी प्रकार सा स्राव होता है तो इसकी तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं|

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कब करानी चाहिए मैमोग्राफी

  • जो महिलाएं 40 साल पार कर गई हैं, उन्हें साल मे एक बार मैमोग्राफी करानी चाहिए|
  • इस जांच से इस बीमारी का उस समय पता चलता है, जब आपको किसी भी प्रकार की प्रॉब्लम का अहसास नहीं हो रहा होता है|
  • अगर आपने किसी भी तरह की गांठ को अनदेखा किया तो वह कैंसर का रूप ले सकता है|
  • यह जांच थोड़ी महंगी है लेकिन इसी से बचने के लिए जागरुकता और स्वत: जांच बहुत जरूरी है|
  • स्वत: जांच से इस बीमारी का बिना किसी चिकित्सकीय निरीक्षण के पता लगाया जा सकता है और वक़्त रहते इसका इलाज कराया जा सकता है|
  • मैमोग्राफी के समय किसी भी व्यक्ति को रेडियशन से कोई खतरा नहीं होता|

जाने कैसे होता है स्तन कैंसर

  • यह एक पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन नाम का एक कम्पाउंड है|
  • ये खाने के पदार्थो में पाए जाते हैं| मेकअप के सामानों में पाए जाते हैं| पालीश में पाए जाए जाते हैं| कास्मेटिक्स में पाए जाते हैं|
  • इनका Breast cancer से सीधा सम्बंध है|
  • ये जितने भी इंडस्ट्री हैं, वह पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन का इस्तेमाल इसलिए करते हैं क्योंकि इससे उनका उत्पादन खर्च कम होता है|
  • इसे पैरागन फ्री बनाने के लिए खर्च बढ़ जाता है| इसलिए कम्पनियां इससे बचती हैं|
  • यह दुनिया भर में होता है|स्तन कैंसर का दूसरा कारण है फास्ट फूड का बढ़ता चलन|
  • इसमें प्रोसेस्ड फूड और शुगर का बहुत ज्यादा इस्तेमाल होता है जितना आप शुगर का उपयोग करेंगे, आप मोटे होंगे और मोटापा कई बीमारियों का घर होता है|

स्तन कैंसर से बचने के लिए स्वत: जांच बहुत जरूरी

  • इसके बिना आप मैमोग्राफी के लिए जा ही नहीं सकते|
  • स्वत: जांच के समय तीन बातों का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए|
  • आपको किसी भी तरह का बदलाव नजर आए तो सावधान हो जाइए|
  • कोई भी बात असामान्य दिखे तो सावधान हो जाइए|
  • स्तन के स्किन के ऊपर कुछ भी असामान्य नजर आए तो सावधान हो जाइए|
  • सबसे जरूरी बात, अगर निपल से बिना छुए कोई तरल पदार्थ निकल रहा है तो उसे गम्भीरता से लीजिए| इसी कभी अनदेखा मत कीजिए|

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