जम कर टूट रहा है बारिश का कहर खुद ही लोग तोड़ रहे अपना आशियाना

जम कर टूट रहा है बारिश का कहर खुद ही लोग तोड़ रहे अपना आशियाना
  • उफनाई घाघरा की जद में आई मस्जिद
  • नदी के तांडव से दहशत में इलाके के लोग
  • अपने घर गिराकर भागने को मजबूर

बाराबंकी - जिले में घाघरा नदी का जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। शनिवार को कम हो रहा नदी का पानी रविवार को अचानक फिर बढ़ने लगा। नदी का जलस्तर इस समय खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर ऊपर है। नदी की कटान तटवर्ती गांव के ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।

बाढ़ के पानी की विनाशलीला की जद में लोगों के घरों के बाद अब इलाके के धार्मिक स्थल भी आने लगे हैं। रामनगर तहसील के कचनापुर एक मस्जिद घाघरा नदी में समा गई। घाघरा की कटान के चलते इलाके के घरों का भी नदी में समाने का सिलसिला भी जारी है। जिससे गांव के लोग दहशत में हैं और बाढ़ पीड़ित खुद अपने आशियानों को जमींदोज कर रहे हैं। ताकि घर से निकले कुछ सामान से वह किसी नई जगह पर अपने परिवार के रहने लायक व्यवस्था कर सकें।

वहीं मस्जिद के नदी में समाने के बाद पेश इमाम ने बताया कि इस जगह पर 35 साल से यह मस्जिद थी। लेकिन घाघरा नदी की कटान में अब ये भी समा गई। वहीं कंचनापुर गांव में बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि हम लोग अपना घर खुद तोड़ रहे हैं। जिससे यहां का सामान ले जाकर सुरक्षित जगह पर रहने लायक व्यवस्था कर सकें। गांव के लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन पहले बंधे के उस पार रहने की स्थाई व्यवस्था कर देता तो हम लोग वहां चले जाते। लेकिन प्रशासन ने हम लोगों के लिए कोई इंतजाम नहीं किए।

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