दलित पिटेगा तो BSP से जुड़ेगा -डॉक्टर लालजी प्रसाद निर्मल दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश

दलित पिटेगा तो BSP से जुड़ेगा -डॉक्टर लालजी प्रसाद निर्मल दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश

डॉक्टर निर्मल ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को देश का सबसे बड़ा दलित विरोधी चेहरा बताते हुए कहा कि अखिलेश यादव ने ही सदन के अन्दर दलित कानून की प्रतियाँ फड़वा दी थी ।

बाराबंकी- प्रदेश में SC / ST Act के तहत सवर्ण आन्दोलन कर रहे है तो वहीं भाजपा अब इसे भुनाने में लग गयी है आज इसी क्रम में भाजपा ने आज अपने दलित महारथियों को मैदान में उतार कर दलितों को साधने की कोशिश की ।

आज उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के चेयरमैन और दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री डॉक्टर लालजी प्रसाद निर्मल ने आज बसपा प्रमुख मायावती पर जोरदार हमला बोला ।

निर्मल जी ने कहा कि मायावती का मानना है कि " दलित पिटेगा तो बसपा से जुड़ेगा " । इसी मानसिकता को लेकर वह दलितों के उद्धार का बीड़ा उठाती है । मायावती ने आज एससी/ एसटी एक्ट के मामले पर भाजपा को राजनीति करने का आरोप लगाया है जबकि मायावती खुद दलितों की मौकापरस्त राजनीति करती आ रही है । दलित एक्ट को निष्प्रभावी करने का काम मायावती ने किया और सबसे बडे दलित विरोधी अखिलेश यादव के साथ वह गठबन्धन में साथ खड़ी दिखाई दे रही है । मायावती दलितों की हितैषी नेता नही बल्कि दलित विरोधी और दलितों के नाम पर दिखावे की राजनीति करने वाली नेता है ।यह सब दिखा कर वह दलितों को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास कर रही है ।

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती पर जमकर निशाना साधा

  • बाराबंकी में आज उत्तर प्रदेश के अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के के चेयरमैन और दर्जाप्राप्त राज्यमंत्री डॉक्टर लालजी प्रसाद निर्मल का आगमन हुआ ।
  • इस दौरान मन्त्री जी ने दलितों की नेता मानी जाने वाली बसपा प्रमुख पूर्व मुख्यमंत्री मायावती पर जमकर निशाना साधा । डाक्टर निर्मल ने कहा कि मायावती दलितों की हितैषी नही बल्कि दलितों की विरोधी नेता है उनका मानना है कि " दलित जब पिटेगा तो बसपा से जुड़ेगा " ।
  • ऐसा न होता तो उनके चार बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद भी दलित आज भी वहीं खड़ा है जहां वह पहले दयनीय स्थिति में था ।
  • दलितों के आर्थिक उद्धार के लिए मायावती ने कुछ भी नही किया बल्कि उन्हें और बेचारा बना दिया ।
  • डॉक्टर निर्मल ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को देश का सबसे बड़ा दलित विरोधी चेहरा बताते हुए कहा कि अखिलेश यादव ने ही सदन के अन्दर दलित कानून की प्रतियाँ फड़वा दी थी ।
  • अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पदों पर दलितों की नियुक्ति पर रोक लगवा दी थी ।
  • मायावती और अखिलेश यादव दोनों ने दलितों को आर्थिक रूप से समृद्धि करने में कोई रुचि नही दिखाई बल्कि उन दोनों ने दलितों को एक वोटबैंक के रूप में ही इस्तेमाल किया ।
  • इस दोनों की कार्यशैली हमेशा से ही दलित विरोधी रही है ।दलित विरोधी यह दोनों चेहरे आज आपस में अपनी राजनीति का पतन देखकर गठबंधन को आमादा है ।


डॉक्टर निर्मल ने बताया कि भाजपा सरकार ने दलितों के ऊपर अत्याचार निवारण अधिनियम को भी दोनों सदनों से से पास करवा कर दलितों के ऊपर अत्याचार रोकने का एक अच्छा प्रयास किया है । देश की मोदी सरकार ने बैंकों को यह आदेश दिया है कि वह दलितों को उनके स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराये । स्टार्टअप इण्डिया के तहत वह दलितों को उद्योग लगाने के लिए दस लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध करवाए । जिससे दलितों का आर्थिक उद्धार हो और वह सबल बने । डाक्टर निर्मल ने बताया कि भाजपा सरकार सच्चे मायनो में दलितों को आर्थिक रूप से मजबूत करने का काम मोदी सरकार कर रही है और सामाजिक रूप से दलित अत्याचार निवारण अधिनियम लाकर भी मजबूत कर रही है ।

  • डॉक्टर निर्मल का मायावती पर मुखर होना इस बात का परिचायक है कि अब भाजपा ने काँग्रेस के बाद बसपा को खत्म करने के लिए अपने दलित महारथियों को मैदान पर उतार दिया है ।
  • शायद भाजपा के इसी चाल से बौखला कर आज बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाया है ।
  • अब 2019 के चुनाव का ऊँट किस करवट बैठेगा यह देखना दिलचस्प होगा ।

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