नमक है हमारी life का आधार और बेहतरीन कुदरती संरक्षक

नमक है हमारी life का आधार और बेहतरीन कुदरती संरक्षक

आयुर्वेद में मसाले में नमक मिलाकर औषधीय प्रयोग किया जाता रहा है|

डेस्क-नमक के साथ खूबसूरती का अंतरंग संबंध सूरत के नमकीन होने जैसे प्रचलित मुहावरों से स्पष्ट होता है। यही बात लवण और लावण्य जैसे शब्दों से भी झलकती है।

नमक का जीवन में महत्व

नमक न केवल बुनियादी स्वाद है, बल्कि मीठे की तरह हमारे जीवित रहने के लिए भी बहुत जरूरी है। इसका रासायनिक नाम है सोडियम क्लोराइड है, जो हमारे मस्तिष्क में बहुत ही छोटे विद्युत प्रक्रियाओं को संचालित करता है। इसके अलावा, हमारे बॉडी में जल संचय-संतुलन बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाता है।

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हमारे जीवन का आधार है नमक

  • धरती पर जीवन नमकीन पानी वाले महासागर में ही प्रकट हुआ था, इसीलिए हमारे जीवन का आधार नमक है।
  • बाइबिल की एक विचारोत्तेजक पंक्ति है- यदि धरती ही अपना नमक गंवा दे तब फिर बचता ही क्या है? गरमी के मौसम में जब पसीने के साथ हमारी बॉडी से नमक बाहर निकलता है तो जीवन संकटग्रस्त हो जाता है।
  • यही स्थिति पेचिश के रोग में जलाभाव से या आंव में उत्पन्न होती है।
  • इसका उपचार सलाइन यानि नमक का घोल चढ़ाकर या नमक-चीनी के मिश्रण से ओरल रिहाइड्रेशन थेरेपी के जरिए तुरंत ही किया जाता है।
  • रक्तचाप के रोगियों या क्षतिग्रस्त गुर्दे वालों को नमक से परहेज करना पड़ता है पर फिर भी कम सोडियम वाले नमक का नुस्खा अपनाना पड़ता है।

नमक से सिर्फ स्वाद ही नहीं मिलता बल्कि बेहतरीन कुदरती संरक्षक भी

  • दुनियाभर में हजारों साल से मनुष्य सब्जियों को ही नहीं, मांस-मछली को भी नमक से पका कर बेमौसम इसका आनंद लेता रहा है।
  • नमक सागर के जल के वाष्पीकरण से प्राप्त होता है और जहां इसे चट्टान काटकर निकाला जाता है, वहां भी कभी समुद्र या खारे जल की बड़ी झील सागर के अवशेष में ही इसका स्त्रोत रहा होगा।
  • सदियों से नमक का व्यापार अंतरराष्ट्रीय व्यापार को प्रेरित करता रहा है और निर्मम शाकर पराजित विपक्षियों को नमक खदानों में नारकीय जीवन बिताने के लिए निर्वासित करते रहे हैं।

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नमक का कई तरीकों से होता है इस्तेमाल

  • जख्मों पर नमक छिड़कने वाली लोकोक्ति यह दर्शाती है कि नमक का दुरुपयोग भी संभव है।
  • व्रत उपवास के दिन नमक से परहेज करने का विधान है पर सेंधा नमक समुद्री नमक से फर्क रखता है और शाकाहार के लिए ज्यादा अच्छा समझा जाता है।
  • गंधक की गंध वाले काले नमक का इस्तेमाल वह लोग भी बेहिचक कर सकते हैं, जो लहसुन को तामसिक पदार्थ मान इसे वर्जित समझते हैं।
  • आयुर्वेद में मसाले मिलाकर इसका औषधीय प्रयोग किया जाता रहा है- मिसाल के तौर पर लवण भास्कर जैसे नुस्खों में।
  • दाडिमाष्टक और हिंगाष्टक जैसे चूर्ण भी नमक आधारित हैं।
  • आम आदमी के लिए नमक के महत्व को जानकर ही बापू ने अंग्रेजों को अहिंसक ढंग से ललकारने के लिए नमक सत्याग्रह शुरू किया था।

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