Government rupee को संभालने के लिए उठा सकती है ये कदम

Government rupee को संभालने के लिए उठा सकती है ये कदम

Government ने पिछले कुछ महीनों में rupee को गिरने से बचाने के लिए कई कदम उठाए हैं|

डेस्क-लगातार नीचे जा रहे rupee को रोकने के लिए central Government अब पुराना आजमाया हुआ नुस्खा फिर से अपनाने पर विचार कर रही है।

यह नुस्खा है प्रवासी भारतीयों से डॉलर जमा करवाने का। इसके लिए government आने वाले दिनों में NRI डिपॉजिट स्कीम लॉन्च करने के आप्शन पर विचार कर रही है। दूसरा आप्शन सरकारी बैंकों के जरिये एनआरआइ बांड्स जारी करने का भी हो सकता है। Government और Reserve Bank जल्द ही इस संबंध में कदम उठा सकते हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार का प्रयोग

  • डॉलर के मुकाबले rupee सोमवार को 72 पैसे गिरकर 72.46 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।
  • 2018 में अब तक डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में 13 फीसद गिरावट आ चुकी है।
  • कच्चे तेल का मूल्य बढ़ने और चालू खाते का घाटा लगातार बढ़ने के चलते रुपये के मूल्य में गिरावट आ रही है।
  • रुपये को थामने के लिए आरबीआइ अपने विदेशी मुद्रा भंडार का प्रयोग कर सकती है लेकिन पिछले कुछ दिनों में देखा गया है कि केंद्रीय बैंक ऐसा करने को लेकर खास उत्साहित नहीं हैं।

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तरह-तरह के विकल्पों पर विचार

  • यही कारण है कि Government को विदेशी मुद्रा जुटाने के लिए इस तरह के विकल्पों पर विचार करना पड़ रहा है।
  • इससे पहले भी विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के लिए सरकार यह रास्ता आजमा चुकी है।
  • 1995-96 में क्रूड के महंगा होने की वजह से तेल पूल घाटे के असर को थामने के लिए यही कदम उठाया गया था।
  • 1998 में परमाणु परीक्षण और उसके बाद 2013 में भी ऐसा कदम उठाया गया था।
  • इससे डॉलर का प्रवाह बढ़ा था और रुपये को मजबूत बनाने में भी हेल्प मिली थी।

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निर्यात पर उल्टा असर

  • Government और Reserve Bank हर एक विकल्प पर विचार कर रहे हैं।
  • आरबीआइ ने पिछले कुछ महीनों में rupee को गिरने से बचाने के लिए कई कदम उठाए हैं और जरूरत पड़ने पर आगे भी उठाए जाएंगे।
  • आरबीआइ ने आक्रामक ढंग से बाजार में डॉलर की बिक्री नहीं शुरू की है।
  • इसका कारण यह है कि दूसरे विकासशील देशों की मुद्राओं में भी डॉलर के मुकाबले गिरावट का रुख है।
  • ऐसे में अगर भारत रुपये की गिरावट को थाम लेता है तो इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में हमारे निर्यात पर उल्टा असर पड़ेगा।
  • वैसे आरबीआइ के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भी पॉजिटिव रूप से देश में आ रहा है।

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