क्यों बजाते हैं तालियां जानकर आप भी हो जाएंगे शुरू

क्यों बजाते हैं तालियां जानकर आप भी हो जाएंगे शुरू

हमारे हाथों की रेखाएं तक बदल जाती हैं

डेस्क-घर में मंदिर में, देवालय में या कहीं भी भजन-कीर्तन व आरती होती है, सभी लोग मिलकर खूब तालियां बजाते हैं। हम से अधिकांश लोग बिना कुछ जाने-समझे ही तालियां बजाया करते हैं, क्योंकि हम अपने पूर्वजों को ऐसा करते देखते आ रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि भजन-कीर्तन व आरती करते समय तालियां क्यों बजाई जाती हैं हम आपको आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों तरीकों से बताएंगे कि लोग ऐसा क्यों करते हैं।

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  • ताली दुनिया का सर्वोत्तम एवं सरल सहज योग है
  • यदि प्रतिदिन यदि नियमित रूप से ताली बजाई जाये तो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को सुलझाया जा सकता है।
  • प्रतिदिन अगर नियमित रूप से 2 मिनट भी तालियां बजाई जाएं
  • तो फिर किसी हठयोग या आसनों की जरूरत नहीं रहेगी।

आध्यात्मिक मान्यता के अनुसार
जिस प्रकार व्यक्ति अपने बगल में कोई वस्तु छिपा ले और यदि दोनों हाथ ऊपर करे तो वह वस्तु नीचे गिर जायेगी। ठीक उसी प्रकार जब हम दोनों हाथ ऊपर उठकर ताली बजाते हैं तो जन्मों से इकट्ठा पाप जो हमने स्वयं अपने बगल में दबा रखे हैं, नीचे गिर जाते हैं अर्थात नष्ट हो जाते हैं।

कहा तो यहां तक जाता है कि जब हम संकीर्तन (कीर्तन के समय हाथ ऊपर उठा कर ताली बजाना) में काफी शक्ति होती है। संकीर्तन से हमारे हाथों की रेखाएं तक बदल जाती हैं।हिंदुओं के पवित्र सर्वमान्य ग्रंथ रामचरित मानस में भी तुलसीदार ने इसका बड़े ही सुंदर तरीके से जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है

राम कथा सुंदर कर तारी।
संशय विहग उड़ानवनहारी

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