Anant Chaturdashi 2018 23 सितंबर को जानें पूजन विधि और व्रत का महत्व

Anant Chaturdashi 2018 23 सितंबर को जानें पूजन विधि और व्रत का महत्व

Anant Chaturdashi के दिन सत्यनारायण भगवान की व्रत कथा का पाठ किया जाता है।

डेस्क-भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष को Anant Chaturdashi है, जो इस बार रविवार 23 सितंबर को मनाई जाएगी। अनंत का अर्थ होता है जिसका न आदि पता है और न ही अंत, अर्थात श्री हरि।

इस व्रत में स्नानादि करने के पश्चात अक्षत, दूर्वा, शुद्ध रेशम या कपास के सूत से बने और हल्दी से रंगे हुई चौदह गांठ के अनंत को सामने रखकर हवन किया जाता है।

Oppo का सब-ब्रैंड Realme 2 Pro इंडिया में 27 सितंबर को होगा लॉन्च

ये 14 गांठें हरि द्वारा उत्पन्न 14 लोकों चौदह लोकों तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुवः, स्वः, जन, तप, सत्य, मह की रचना की थी की प्रतीक हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को यदि 14 वर्षों तक किया जाए, तो व्रत करने वाले को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।

Rose Water से पाएं बेदाग खूबसूरती जाने कैसे

Diabetes के जाने क्या होते है लक्षण

Anant Chaturdashi पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है

  • भगवान सत्यनारायण की तरह ही अनंत देव भी भगवान विष्णु को ही कहते हैं।
  • इसलिए अनंत चतुर्दशी के दिन सत्यनारायण भगवान की व्रत कथा का पाठ किया जाता है।
  • इसके साथ अनंत देव की कथा भी सुनी जाती है।
  • मान्यता है कि व्रत रखने के साथ-साथ यदि विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करने वाले की हर मनोकामना पूर्ण होती है।

Asia Cup 2018: चोट के चलते Hardik Pandya टूर्नामेंट से हुए बाहर

  • फिर अनंतदेव का ध्यान करके इस शुद्ध अनंता को पुरुष दाहिने और स्त्रियां बाएं हाथ में बांधती हैं।
  • इस व्रत में एक समय बिना नमक के भोजन किया जाता है।
  • निराहार रहें, तो और अच्छा है।
  • इसी दिन प्रथम पूज्य गणेश जी की मूर्तियों का विसर्जन भी गणेश भक्तों द्वारा किया जाता है।
  • अर्थात हे वासुदेव, अनंत संसार रूपी महासमुद्र में मैं डूब रहा हूं।
  • आप मेरा उद्धार करें, साथ ही अपने अनंतस्वरूप में मुझे भी आप विनियुक्त कर लें।
  • हे अनंतस्वरूप, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है।

अगर आप आपने Laptop की स्पीड को करना चाहते है तेज तो अपनाये ये टिप्स

Share this story