Aadhaar कानून की वैधानिकता पर Supreme court का फैसला आज

Aadhaar कानून की वैधानिकता पर Supreme court का फैसला आज

Aadhaar की सुनवाई के दौरान ही कोर्ट में निजता के अधिकार के मौलिक अधिकार होने का मुद्दा उठा था।

डेस्क- Aadhaar कानून की वैधानिकता पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार यानि आज अपना फैसला सुनाएगा। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सभी पक्षों की बहस सुनकर 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सेवानिवृत्त जज पुत्तासामी और कई अन्य लोगों ने आधार कानून की वैधानिकता को चुनौती दी है।याचिकाओं में विशेष तौर पर आधार के लिए एकत्र किए जाने वाले बायोमेट्रिक डाटा से निजता के अधिकार का हनन होने की दलील दी गई है।

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निजता को मौलिक अधिकार

  • Aadhaar की सुनवाई के दौरान ही कोर्ट में निजता के अधिकार के मौलिक अधिकार होने का मुद्दा उठा था।
  • इसके बाद कोर्ट ने आधार की सुनवाई बीच में रोककर निजता के मौलिक अधिकार पर नौ न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सुनवाई की और निजता को मौलिक अधिकार घोषित किया।
  • इसके बाद पांच न्यायाधीशों की पीठ ने आधार की वैधानिकता पर सुनवाई शुरू की थी।

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याचिकाओं को खारिज करने की थी अपील

  • इस मामले की कुल साढ़े चार महीने में 38 दिनों तक सुनवाई हुई।
  • याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी गई थी कि एकत्र किए जा रहे डाटा की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं।
  • ये भी आरोप लगाया गया है कि सरकार ने हर सुविधा और सर्विस से आधार को जोड़ दिया है |
  • जिसके कारण गरीब लोग आधार का डाटा मिलान न होने के कारण सुविधाओं का लाभ लेने से वंचित हो रहे हैं।
  • यह भी कहा गया था कि सरकार ने आधार बिल को मनी बिल के तौर पर पेश कर जल्दबाजी में पास करा लिया है।
  • आधार को मनी बिल नहीं कहा जा सकता।
  • दूसरी ओर, केंद्र सरकार, यूएआइडी, गुजरात और महाराष्ट्र सरकार सहित कई संस्थाओं ने सुप्रीम कोर्ट में आधार कानून को सही ठहराते हुए याचिकाओं को खारिज करने की अपील की थी।
  • सरकार की ओर से कहा गया कि आधार कानून इसलिए लाया गया है |
  • ताकि सुविधाओं का लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंचे।बीच में उसका लीकेज न हो।
  • यह भी कहा था कि एकत्र किया गया डेटा सरकार के पास सुरक्षित है।
  • इसके अलावा डेटा सुरक्षित रखने के बारे में कानून बनाने पर विचार हो रहा है।

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