जाने क्यों लगाया जाता है माथे पर तिलक, ये है वैज्ञानिक वजह

जाने क्यों लगाया जाता है माथे पर तिलक, ये है वैज्ञानिक वजह

तिलक को मस्तिक के केंद्र पर लगाने पीछे कारण ये है कि हमारे शरीर में 7 छोटे ऊर्जा केंद्र होते हैं|

डेस्क-ज्यादातर हिन्दू धार्मिक संस्कारों में माथे पर तिलक लगाया जाता है| पूजा-पाठ, विवाह आदि आयोजनों में तिलक लगाने का रिवाज है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि माथे पर तिलक लगाने की वैज्ञानिक वजह क्या है|

तो इस कारण से लगाया जाता है माथे पर तिलक

  • तिलक हमेशा मस्तिष्क के केंद्र पर लगाया जाता है|
  • तिलक को मस्तिक के केंद्र पर लगाने पीछे कारण ये है कि हमारे शरीर में 7 छोटे ऊर्जा केंद्र होते हैं|
  • तिलक को मस्तिष्क के बीच में इसीलिए लगाया जाता है क्योंकि हमारे मस्तिष्क के बीच में आज्ञाचक्र होता है|
  • जिसे गुरुचक्र भी कहते हैं|
  • ये जगह मानव शरीर का केंद्र स्थान है|

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  • इसे से एकाग्रता और ज्ञान से परिपूर्ण हैं|
  • गुरुचक्र को बृस्पति ग्रह का केंद्र माना जाता है|
  • बृहस्पति सभी देवों का गुरु होता है|
  • इसीलिए इसे गुरुचक्र कहा जाता है|

हमेशा इस अंगुली से लगाना चाहिए तिलक

  • हमेशा अनामिका उंगली से तिलक लगाया जाता है|
  • अनामिका उंगली सूर्य की प्रतीक होती है|
  • अनामिका उंगली से तिलक लगाने से तेजस्वी और प्रतिष्ठा मिलती है|
  • साथ ही जब भी मान-सम्मान के लिए अंगुष्ठ यानि अंगूठे से तिलक लगया जाता है|
  • अंगुष्ठ से तिलक लगाने से ज्ञान और आभूषण की प्राप्ति होती है|

विजय प्राप्ति के लिए तर्जनी उंगली से तिलक लगाया जाता है|

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सफेद, लाल और पीला तिलक

  • तिलक किसी भी रंग का हो, सभी में ऊर्जा होती है |
  • सफेद रंग यानि चंदन के तिलक को शीतलदायी, लाल रंग के तिलक को ऊर्जावान और पीले रंग के तिलक को प्रसन्नचित रहने के लिए भी लगाया जाता है|
  • वहीं शिव भक्त भभूति यानि काले रंग का तिलक भी लगाते हैं, जो मोहमाया से दूर रहने का सूचक है|

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