अगर शरीर मे दिखने लगे यह संकेत तो हो सकती है Heart Problem
बाल अवस्था या जन्मजात शरीर का नीला होना एवं दूध ठीक से न पीना हृदय रोग की हो सकती है समस्या :- प्रो ए के श्रीवास्तव
नवजात शिशुओं एवं बड़े बच्चों के दिल में जन्म दोषों की अनुमानित घटना प्रति 1000 जीवित जन्मों में लगभग 8 से 10 है । इनमे से 1/3 को तत्काल सर्जरी की आवश्यकता होती है जिससे सही समय पर जान बचाई जा सकती है ।
ये बाते इंडियन मेडिकल एोसिएशन गोरखपुर एवं डिवाइन हार्ट हॉस्पिटल लखनऊ के संस्थापक प्रोफेसर एके श्रीवास्तव ने संयुक्त तत्वावधान में एक कार्यशाला को सम्बोधित करते हुऐ कही प्रो ए के श्रीवास्तव ने बताया कि 2/3 मामलों में, शुरुआती पहचान, प्रारंभिक जाँचे और उचित प्रबंधन में जीवन बचाने की उम्मीद की जा सकती है। वेंट्रिकुलर सेप्टल दोष (वीएसडी) यानी दिल के छेद बच्चों में लगभग 25 से 30% की दर से पाया जाता है । यद्यपि रोग का कारण आनुवंशिकी है और बहु-आयामों पर निर्भर करता है लेकिन माँ में गर्भावस्था के दौरान वायरल बुखार (रूबेला) हृदय रोग पी०डी०ए० होने की संभावना होती है ।
दिल के दोषों से पैदा हुआ बच्चा गुलाबी, सामान्य रंग या नीला (साइनोसिस) हो सकता है । कुछ बच्चों में, माता-पिता 6 से 8 महीने के जन्म के बाद भी नीलापन देखते हैं । ज्यादातर वे सांस लेने में दिक्कत, श्वसन दर में वृद्धि, खांसी और बुखार से ग्रसित रहते हैं । स्तनपान के दौरान थकावट और माथे पर पसीना बहना भी एक आम बात होती है | नीले त्वचा वाले बच्चे होंठ और अंगूठे सहित मसूड और जीभ पर यह नीलापन पाया जाता हैं । उनका वज़न भी उम्र के साथ होना पाया गया है