Retirement के बाद अगर चाहते है अच्छी Income, तो इन schemes में करे Investment
डेस्क-नौकरी से Retirement कर्मचारी की लाइफ आरामदायक हो जाती है। नौकरी की भागदौड़ के बाद Retirement के बाद दिन आराम और सुकून से जीने के होते हैं।
इस दौरान हर महीने मिलने वाली पैसे में कमी आ जाती है।इसलिए नौकरी के दौरान की गई Savings और Planning आपकी इस चिंता को भी दूर कर देती है। इसके लिए जरूरी है कि नौकरी के शुरुआती दौर से ही Savings की आदत डाल ली जाए। कई ऐसे आप्शन हैं जिनका यूज आप सेविंग्स के लिए कर सकते हैं।
आइये जानते हैं उन आप्शन के बारे में
Retirement के बाद निश्चित आय के लिए FD एक अच्छा आप्शन है। यह सुरक्षित और सुविधाजनक है। रिटायर लोगों के लिए एफडी एक निश्चित रिटर्न देती है। अलग-अलग बैंकों में एफडी पर मिलने वाले ब्याज की दर अलग-अलग होती है। पोस्ट ऑफिस और दूसरी कंपनियां भी एफडी की सुविधा देती हैं।
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इस स्कीम में 60 साल की उम्र के बाद निवेश किया जा सकता है। इसके अलावा अगर किसी कर्मचारी ने Volunteer Retirement Service (VRS) ली है तो वे 55 साल की उम्र से इसमें निवेश कर सकते हैं। इसमें एक व्यक्ति 15 लाख रुपये तक का अधिकतम निवेश कर सकता है। इसमें निवेश पर आयकर में छूट मिलती है। दिसंबर 2018 में खत्म होने वाली तिमाही में इस स्कीम पर सालाना 8.7 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है।
Post office monthly income scheme
इस दिसंबर में खत्म होने वाली तिमाही में इस स्कीम पर 7.7 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है। इसमें सिंगल अकाउंट पर अधिकतम 4.5 लाख रुपये और ज्वाइंट अकाउंट में 9 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है। इसका मैच्योरिटी पीरियड 5 साल का है।
Retirement की योजना बनाने वाले लोग equity में निवेश कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इक्विटी में डायरेक्ट और म्युचुअल फंड के माध्यम से निवेश किया जा सकता है। पहली बार इसमें इन्वेस्ट करने वालों को इसमें म्युचुअल फंड के माध्यम से निवेश करना चाहिए।
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म्यूचुअल फंड निवेश के लिए बेस्ट ऑप्शन है। म्यूचुअल फंड को इक्विटी की जानकारी रखने वाले एक्सपर्ट्स द्वारा मैनेज किया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि म्युचुअल फंड से सिस्टेमैटिक विड्रावल प्लांस (एसडब्ल्यूपी) के माध्यम से आय का निश्चित स्त्रोत बना रहेगा। इक्विटी म्यूचुअल फंड भी लंबे समय के बाद अच्छा रिटर्न दे सकते हैं।
Public Provident Fund (PPF)
इसका लॉक-इन पीरियड 15 सालों का होता है। इसमें मैच्योरिटी अमाउंट और कुल ब्याज टैक्स फ्री होता है। यानी इस पर कोई टैक्स नहीं लगता है।