51 शक्तिपीठो में एक माँ देवीपाटन मंदिर

51 शक्तिपीठो में एक माँ देवीपाटन मंदिर

बलरामपुर-शारदीय नवरात्र पर्व पर मां पाटेश्वरी देवी के दरबार में आज से 15 दिनों तक भक्तों की भीड़ जुटेगी महत्वपूर्ण देश की 51 शक्ति पीठों में 1 शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर का भी अपना महत्वपूर्ण स्थान है देवी शक्ति का वाम स्कंध वस्त्र समेत गिरने के कारण यह शक्तिपीठ बना योगेश्वर गोरखनाथ की अखंड भूमि होने से यह नाथ संप्रदाय की तपस्थली भी है इसलिए बड़ी संख्या में साधु सन्यासी भी पहुंच रहे हैं ।

जनपद मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर बौद्ध परिपथ के समीप तुलसीपुर में स्थित शक्तिपीठ मां पाटेश्वरी देवी का दरबार आज से भक्तों के जयकारों से गुलजार होगा मानता है कि चैत्र नवरात्र में जो श्रद्धालु सच्चे मन से मां पाटेश्वरी का दर्शन पूजन करते हैं उनकी मनोकामना मां अवश्य पूर्ण करती है सफेद संगमरमर से बनी पूजा हाल पवित्र सूरजकुंड अखंड ढूंढा संतो के लिए भवन शीशे की तरह चमचमाती पर श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है |

वीपाटन मंदिर के गर्भ गृह में पाताल तक जाने का रास्ता है
पिता प्रजापति दक्ष के यज्ञ में पति महादेव की उपेक्षा से नाराज सती ने यज्ञ कुंड में प्राण त्याग दिया था माता सती के प्राण त्यागने से क्रोधित होकर महाराजा यक्ष ने यज्ञ को नष्ट करने पर माता सती के शव को कंधे पर रखकर भगवान शिव तांडव करने लगे तब भगवान विष्णु ने शिव मोह को शांत करने तथा साधकों के कल्याण के लिए सती के शव को काट काट कर पृथ्वी के महत्वपूर्ण भागों पर गिरा दिया यहां पर सती माता का वाम स्कंध एवं पट गिरा था तबसे इस स्थान को देवीपाटन के नाम से जाना जाता है देवीपाटन के देवी का दूसरा नाम पाटेश्वरी देवी भी है बाल्मीकि रामायण के उत्तरकांड में भगवती सीता का पाताल गमन किसी स्थान पर हुआ था देवीपाटन मंदिर के गर्भ गृह में पाताल तक जाने का रास्ता है |

मंदिर में योगेश्वर गोरखनाथ की अखंड भूमि विद्यमान है

  • इसके ऊपर बने चबूतरे को पाताल चबूतरा के नाम से जाना जाता है इस पर श्रद्धालु पुण्य अक्षत व प्रसाद चढ़ाकर कामना करते हैं
  • इस मंदिर की नक्काशी देखने लायक है भगवान परशुराम ने अपनी तपस्या से इस मंदिर की महत्वता बढ़ाई थी
  • द्वापर युग में इसी राजस्थान पर महारथी कर्ण ने भगवान परशुराम से दिव्यास्त्रों की शिक्षा ली थी ।
  • मंदिर में योगेश्वर गोरखनाथ की अखंड भूमि विद्यमान है
  • गोरखनाथ पीठ ने देवीपाटन मंदिर की स्थापना योग विकास करवाया इस कारण इस मंदिर की देखरेख नाथ संप्रदाय की शीर्ष संस्था अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष 12 पंथी योगी महासभा द्वारा की जाती है
  • योगी पीठाधीश्वर मंदिर के अध्यक्ष व योगी महंत मिथिलेश नाथ व्यवस्थापक हैं
  • मंदिर में सूरजकुंड सरोवर व अतिथि गृह बने हैं महाराजा कर्ण द्वारा महाभारत काल में इस मंदिर का निर्माण करवाए जाने का उल्लेख भी मिलता है ।

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