पीलीभीत में लगातार सामने आ रहे भ्रष्टाचार के मामले ,डीएम के बाद अब एसडीएम पर लगा भ्रष्टाचार का आरोप

पीलीभीत में लगातार सामने आ रहे भ्रष्टाचार के मामले ,डीएम के बाद अब एसडीएम पर लगा भ्रष्टाचार का आरोप

पीलीभीत(सौरभ दीक्षित) जिलाधिकारी बीते कई दिनों से विवादों में घिरे है, उनपर जिले के सभी वकीलों ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुये उनके न्यायालय का बहिष्कार कर रखा है और हड़ताल पर है।

तो आज पीलीभीत की तहसील पूरनपुर से प्रशासनिक भ्रष्टाचार की दूसरी खबर आ रही है। यहॉ के एसडीएम पर एक पीड़ित ने डरा धमकाकर कर पांच लाख रूपये मांगने का आरोप लगाया है। पीड़ित ने पूरे मामले में मुख्यमंत्री से शिकायत की हैं। वहीं एसडीएम पूरनपुर अपने ऊपर लगे सभी आरोप निराधार बता रहे है। गौरतलब यह है कि एसडीएम स्वंम ही अपने खिलाफ जॉच कराने की बात कह रहे है, कि हमने पैसा कब मांगा।

पीलीभीत के तहसील पूरनपुर के कस्बा क्षेत्र के रहने सुग्रीव सिंह ने मुख्यमंत्री को भेजे शिकायती पत्र में बताया कि शहर में उनका एक व्यवसायिक मकान है, जिसमें इण्डियन बैंक की शाखा भी चलती है जोकि उन्होने किराये पर दे रखी है।

उन्होने पूरनपुर एसडीएम पर संगीन आरोप लगाते हुये शिकायती पत्र में बताया कि बीती 8 अक्टूबर को एसडीएम जे.पी. चौहान ने उन्हे फोन किया और उनके अकेले मिलने को बुलाया। जब वो उनसे मिलने गये तो एसडीएम ने अपना रूतबा दिखाना शुरू कर दिया। उन्होने पूछा कि यूनियन बैंक की बिल्डिंग तुम्हारी है तो पीड़ित में हॉ में जवाब देते हामी भी जिसपर वो बोले कि तुमने यह प्लाट गलत तरीके से खरीदकर बनवाया है।

यदि इस बिल्डिंग को बचाना चाहते हो तो पांच लाख रूपये दे दो नही ंतो तुम्हारी बिल्डिंग गिरवा दी जायेगी। मुख्यमंत्री से पीड़ित ने कार्यवाई की मांग करते यह भी मांग की है कि यदि एसडीएम पूरनपुर पर कार्यवाई नहीं होती है तो उसे अपनी जानमाल का ख़तरा उनसे बना हुआ है। यदि उसके साथ कोई भी अनहोनी हो जाती है तो उसके जिम्मेदार एसडीएम पूरनपुर जे.पी. चौहान होगें।
वहीं पूरनपुर मामले में एसडीएम पूरनपुर जे.पी. सिंह से बात की तो उन्होने अपने ऊपर लगे आरोप निराधार बताये। उन्होने बताया कि यह भवन नगर पालिका की नजूल भूमि पर बना हुआ है, जब उनसे कागज़ात मांगे गये तो वो आरोप लगा रहे है। अब हम इसकी जॉच करवा रहें है कि हमने कब इनसे पैसा मांगा। लेकिन पूरे प्रकरण में यह बात एसडीएम स्वंम स्वीकार रहे है कि उन्होने अपने कार्यालय पर पीड़ित सुग्रीव को बुलाया था। लेकिन उन्होने कोई पैसा नहीं मांगा।

Share this story