अंतिम सुनवाई अवधि तक फर्जी अध्यापक नहीं रख सके अपना पक्ष

अंतिम सुनवाई अवधि तक फर्जी अध्यापक नहीं रख सके अपना पक्ष

विभाग ने इनको दिया तीन बार पक्ष रखने का अवसर

प्रकरण 12460 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया से जुड़ा

10 अध्यापकों का टीईटी व बी एल एड डिग्री मिला कूट रचित सत्यापन में हुआ खुलासा

बलरामपुर (अविनाश पाण्डेय ) जिले में शिक्षक फर्जीवाड़े ने नया मोड़ ले लिया है हाल ही में बेसिक शिक्षा विभाग ने 12460 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत जिले में चयनित हुए सहायक अध्यापकों में 10 अध्यापकों को फर्जी अभिलेखों के सहारे नौकरी हथियाने का मामला उजागर हुआ है।

विभाग ने सभी को अपना पक्ष रखने के लिए अंतिम अवसर दिया था। लेकिन 10 में 4 ने सिर्फ अपना पक्ष रखा वह भी संतोषजनक ना होने पर जल्द ही महकमा इन सभी के विरुद्ध कठोर वैधानिक कार्रवाई करने की बात कह रहा है ।
जिले में 12460 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया के द्वितीय काउंसलिंग के तहत चाइनीस हुए अध्यापकों में 10 ऐसे शिक्षकों का मामला उजागर हुआ है।

जिनका टीईटी व बीएलएड के अभिलेख सत्यापन में फर्जी मिले हैं। इनमें बलरामपुर जिले के 4 शिक्षक हुआ आगरा जिले के 6 शिक्षक शामिल है बलरामपुर से कुमारी शगुफ्ता जोहरा इफत आयशा निवासी जरवा रोड निकट सिद्दीकी इलेक्ट्रिकल्स ग्राम तुलसीपुर देहात थाना तहसील तुलसीपुर जनपद बलरामपुर की निवासी है ।

इसी क्रम में कृष्ण गोपाल शुक्ला व रामगोपाल शुक्ला निवासी सेवरही पोस्ट खजुरिया नारायणपुर मझारी थाना गौरा जनपद बलरामपुर के निवासी हैं इसी क्रम में मनोज कुमार प्रजापति मोहल्ला कालिंदी आगरा प्रदीप कुमार मोहल्ला कुबेरपुर जिला आगरा कुमारी अंजू सिंह मोहल्ला कमला नगर जनपद आगरा प्रवीन कुमार कमला नगर जिला आगरा शिरीजकुमार मोहल्ला प्रकाश नगर आगरा अंकुर गौतम मोहल्ला ट्रांस यमुना जिला आगरा के शामिल है ।

इन सभी का शिक्षक पात्रता परीक्षा व बीएलएड अंक पत्र सत्यापन के दौरान कूट रचित पाया गया है। इन सभी का विभाग ने अभिलेख 7 मई 2018 को कुलसचिव चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ व सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी इलाहाबाद को भेजकर सत्यापन कराया सत्यापन में सभी के दोनों डिग्रियां कूट रचित होने की पुष्टि मिली है विभाग ने इन सभी को 10 अगस्त को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस दिया था 28 अगस्त को भी विभाग ने सभी को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया था संबंधित अवधि मैं किसी ने अपना पक्ष नहीं रखा विभाग ने पुणे अंतिम सुनवाई का अवसर देते हुए 8 अक्टूबर को शिक्षा कार्यालय में तलब किया था ।

संबंधित स्थिति पर आगरा जिले के मात्र 4 ने अपना पक्ष रखा वह भी संतोषजनक नहीं रहा वहीं दूसरी तरफ जिले के अन्य चारों शिक्षकों द्वारा अपना पक्ष ना रखने से फर्जीवाड़ा होने की पुष्टि से इनकार नहीं किया जा सकता है ।चर्चा यह है कि यह सभी एक रैकेट से नौकरी हासिल करने में तो सफल रहे। लेकिन सत्यापन में इन की सेटिंग गेटिंग न चलने के कारण मामले का पर्दाफाश हुआ है। सूत्रों की मानें तो जिले में पकड़े गए फर्जी अध्यापकों ने विभाग की बैक डोर से गणेश परिक्रमा करके मामले को दबाने की कोशिश किया हैं लेकिन सफलता दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है।

अघिकारी बोले

प्रकरण संज्ञान में आया है सुनवाई का अंतिम अवसर आरोपित अध्यापकों का समाप्त कर दिया गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी बीमार होने से अवकाश पर है।ह्रदय शंकर लाल श्रीवास्तव प्रभारी बीएसए ने बताया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी के अवकाश से लौटते ही संबंधित लोगों के विरुद्ध एफ आई आर व वैधानिक कार्रवाई की जाएगी ।

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