kal sarp dosh दूर करने का राम बाण उपाय

kal sarp dosh दूर करने का राम बाण उपाय

जानिए प्रेत बाधा(भूत प्रेत भागने के) काल सर्प दोष दूर करने का रामबाण उपाय

ज्योतिष डेस्क -हिन्दू धर्म में भूतों से बचने के अनेक उपाय बताए गए हैं। चरक संहिता में प्रेत बाधा से पीड़ित रोगी के लक्षण और निदान के उपाय विस्तार से मिलते हैं।
ज्योतिष साहित्य के मूल ग्रंथों- प्रश्नमार्ग, वृहत्पराषर, होरा सार, फलदीपिका, मानसागरी आदि में ज्योतिषीय योग हैं जो प्रेत पीड़ा, पितृ दोष आदि बाधाओं से मुक्ति का उपाय बताते हैं।

अथर्ववेद में भूतों और दुष्ट आत्माओं को भगाने से संबंधित अनेक उपायों का वर्णन मिलता है। यहां प्रस्तुत है प्रेतबाधा से मुक्ति के 10 सरल उपाय

1. ॐ या रुद्राक्ष का अभिमंत्रित लॉकेट गले में पहने और घर के बाहर एक त्रिशूल में जड़ा ॐ का प्रतीक दरवाजे के ऊपर लगाएं। सिर पर चंदन, केसर या भभूति का तिलक लगाएं। हाथ में मौली (नाड़ा) अवश्य बांध कर रखें।

2. दीपावली के दिन सरसों के तेल का या शुद्ध घी का दिया जलाकर काजल बना लें। यह काजल लगाने से भूत, प्रेत, पिशाच, डाकिनी आदि से रक्षा होती है और बुरी नजर से भी रक्षा होती है।

3. घर में रात्रि को भोजन पश्चात सोने से पूर्व चांदी की कटोरी में देवस्थान या किसी अन्य पवित्र स्थल पर कपूर तथा लौंग जला दें। इससे आकस्मिक, दैहिक, दैविक एवं भौतिक संकटों से मुक्त मिलती है।

4. प्रेत बाधा दूर करने के लिए पुष्य नक्षत्र में चिड़चिटे अथवा धतूरे का पौधा जड़सहित उखाड़ कर उसे धरती में ऐसा दबाएं कि जड़ वाला भाग ऊपर रहे और पूरा पौधा धरती में समा जाएं। इस उपाय से घर में प्रेतबाधा नहीं रहती और व्यक्ति सुख-शांति का अनुभव करता है।

5. प्रेत बाधा निवारक हनुमत मंत्र - ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ऊँ नमो भगवते महाबल पराक्रमाय भूत-प्रेत पिशाच-शाकिनी-डाकिनी-यक्षणी-पूतना-मारी-महामारी, यक्ष राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकम्‌ क्षणेन हन हन भंजय भंजय मारय मारय शिक्षय शिक्षय महामारेश्वर रुद्रावतार हुं फट् स्वाहा।
इस हनुमान मंत्र का पांच बार जाप करने से भूत कभी भी निकट नहीं आ सकते।

6. सूखने पर नए पत्ते रखें और पुराने पत्ते पीपल के पेड़ के नीचे रख दें। यह क्रिया नियमित रूप से करें, आपका घर भूत-प्रेत बाधा, नजर दोष आदि से मुक्त रहेगा।

7. गणेश भगवान को एक पूरी सुपारी रोज चढ़ाएं और एक कटोरी चावल दान करें। यह क्रिया एक वर्ष तक करें, नजर दोष व भूत-प्रेत बाधा आदि के कारण बाधित सभी कार्य पूरे होंगे।

8. मां काली के लिए उनके नाम से प्रतिदिन अच्छी तरह से पवित्र की हुई दो अगरबत्ती सुबह और दो दिन ढलने से पूर्व लगाएं और उनसे घर और शरीर की रक्षा करने की प्रार्थना करें।

9. हनुमान चालीसा और गजेंद्र मोक्ष का पाठ करें और हनुमान मंदिर में हनुमान जी का श्रृंगार करें व चोला चढ़ाएं।

10. मंगलवार या शनिवार के दिन बजरंग बाण का पाठ शुरू करें। यह डर और भय को भगाने का सबसे अच्छा उपाय है।

इस तरह यह कुछ सरल और प्रभावशाली टोटके हैं, जिनका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होता। ध्यान रहें, नजर दोष, भूत-प्रेत बाधा आदि से मुक्ति हेतु उपाय ही करने चाहिए टोना या टोटके नहीं।

सावधानी : सदा हनुमानजी का स्मरण करें। चतुर्थी, तेरस, चौदस और अमावस्या को पवि‍त्रता का पालन करें। शराब न पीएं और न ही मांस का सेवन करें। भूत-प्रेत बांधने का मन्त्र
भूत-प्रेत बांधने का मन्त्र
गांवों में अक्सर सुनने को आता है कि फलां व्यक्ति को
भूत दिखाई दिया, फलां को किसी प्रेत ने पकड़ लिया। ऐसे में कुछ
समझ नही आता कि क्या किया जाये कि इस संकट से मुक्ति
मिले।
कभी कभी हम जब अकेले कहीं जाते है या आते है तो रास्ते में ऐसे
कई तांत्रिक या बाबा लोग हमसे बदला लेनेके लिए किसी न
किसी को भेज देते है ..मतलव के भूत प्रेत जिन कलुवा ,पिशाच
डायन को ..
अब ऐसी स्थिति में इन सब से निपटने के लिए ही इस प्रकार के
मन्त्र प्रयोग में लाए जाते हैं। ऐसी स्थिति आने पर निम्न मन्त्र
को सात बार पढ़कर भभूत को अभिमंत्रित कर उस भूत-प्रेत के ऊपर
फेंक दें । ऐसा करने पर उसका बंधन हो जायेगा। यदि राह चलते ऐसी
स्थिति का सामना हो तो अपने बांए पैर के नीचे की धूल या
मिट्टी चुटकी भर उठाकर मन्त्र से सात बार अभिमंत्रित कर उसके
ऊपर उछाल दें।
इस मन्त्र को आप किसी भी शुभ मुहुर्त में 108 बार जप कर सिद्ध
कर लेवें।मन्त्र जप के समय भगवान शिव-पार्वति का पूजन करना
आवश्यक है।
मन्त्र:- ऐठक बाँधौ बैठक बाँधौ आठ हाथ के भुइयाँ बाँधौ, बाँधौ
सकल शरीर, भूत आवे भूत बाँधौ प्रेत आवे प्रेत बाँधौ, मरी मसान
चटिया बाँधौ, मटिया आवे मटिया बाँधौ, बाँध देहे फाँद देहे,
लोहे की डोरी शब्द का बन्धन, काकर बाँधे गुरु के बाँधे गुरु कोन
महादेव-पार्वती के बाँधे जा रे भूत बंधाजा।
पंडित दयानंद शास्त्री

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