घटिया सोच वालों ने बनाया राधा कृष्ण सीरियल ,कृष्ण को दिखा रहे फ्लर्ट करने वाला

घटिया सोच वालों ने बनाया राधा कृष्ण सीरियल ,कृष्ण को दिखा रहे फ्लर्ट करने वाला

सीरियल में कृष्ण के चरित्र को गलत तरीके से दिखाने का आरोप

डेस्क -राधा कृष्ण सीरियल को गलत तरीके से दिखाए जाने का विरोध भी उतना शुरू कर दिया गया है ।
ज्योतिर्विद पंडित दयानंद शास्त्री ने कहा " मैं बहुत ही हैरान हूँ कि, स्टार भारत चेनल पर प्रसारित हो रहे "राधा कृष्ण" के बारे मे इस सीरियल में बहुत ही गलत स्टोरी दिखाई जा रही है,लेकिन उसका विरोध कोई भी हिन्दू नही कर रहा है".

इस TV सीरियल में कृष्ण का चरित्र एक मनचला, फ्लर्ट करने वाला युवक का दिखया जा रहा है,जो कि पूरी तरह से आपत्तिजनक है।

बड़े बड़े भाषण देने वाले,वेद पुराणो के परम ज्ञाता साधु संत क्यों चुप्पी साधे हुए हैं.

टेलिविजन पर अभी एक सीरियल चल रहा है, राधाकृष्ण।
उसमे श्रीकृष्ण की आयु 16 वर्ष बताई गई है,जो कि सही नही है।
जबकि सत्य तो यह है कि,भगवान श्रीकृष्ण मात्र 11 वर्ष 55 दिन की आयु में,अक्रूर द्वारा मथुरा पहुंचा दिए गए थे।

वास्तविकता तो यह है कि,11 वर्ष 55 दिन की आयु के बाद भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमेशा हमेशा के लिए बदल गया था। पलायन, संघर्ष, युद्ध और विनाश में ही बीत गया उनका सारा जीवन।

TV सीरियल वाले सिर्फ श्रृंगार रस को बढ़ा चढ़ा कर पेश करते हैं,ताकि उनके द्वारा बनाया गया एपिसोड खूब कमाई करे।

श्रीकृष्ण ने ब्रजभूमि में श्रीराधा और गोपियों संग जितनी भी लीलायें की थीं,वह सब बाल्य अवस्था में ही किये थे।
उन्होंने 6 दिन की आयु में पूतना उद्धार,5 वर्ष की आयु में अघासुर उद्धर और ब्रह्मा जी का मोह भंग लीला,6 वर्ष 6 माह की आयु में चीर हरण लीला की,7 वर्ष की आयु में महारास लीला और अपनी कनिष्का अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाने की लीला,इसतरह माखन चोरी लीला,कालिया नाग दमन लीला,दवानल लीला आदि-आदि विभिन्न लीलायें बाल्यावस्था में ही किये थे।

भगवान श्रीकृष्ण की गोकुल,बर्षाना, नंदगाव और वृन्दावन की अन्तिम लीला का पूर्ण विराम,11 वर्ष 54 दिन तक की आयु में ही सिमट कर रह गया था,क्योंकि 11 वर्ष 55 दिन की आयु में,वे मथुरा चले गए थे,जहाँ से दोबारा उनकी वापसी श्रीराधा,गोप और गोपियों तथा नन्द यसोदा के पास नही हुई।

ये टेलीविजन वाले राधाकृष्ण के वास्तविक चरित्र की जगह,उनके ऐसे चरित्र को लोगों के सामने पेश करते हैं,जिसका वास्तविकता से कोई संबंध नही है।
यदी TV चैनल वाले राधाकृष्ण की वास्तविक लीला को दिखाएंगे जो कि सिर्फ बाल्यावस्था की लीला है,तो युवावर्ग आकर्षित कैसे होगा और इनकी अधिकतम कमाई कैसे होगी।

आप सभी सनातन धर्मी जागृत हो जाइये, आप लोग अपने धार्मिक ग्रंथो,पुराणों का अध्ययन कीजिये और राधाकृष्ण के वास्तविक चरित्र को जानिये।

इस घटिया सोच वाले TV सीरियल को देखना बंद कीजिए और इसका डटकर के विरोध कीजिए तांकि सनातन धर्म को बदनाम करने वालों की दुकानें बंद की जा सकें।
पंडित दयानंद शास्त्री

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