इस तरह लिखी गई गोण्डा में विकास की इबारत ,बिना बिल्डिंग बने ही दो साल पहले ही कर दिया था लोकार्पण

इस तरह लिखी गई गोण्डा में विकास की इबारत ,बिना बिल्डिंग बने ही दो साल पहले ही कर दिया था लोकार्पण
  • प्रशासन के अल्टीमेटम के बाद भी समय से हैंडओवर नहीं करा सका कार्यदायी संस्था
  • पूर्व सरकार के कार्यकाल में हुए लोकार्पण निर्माणाधीन कार्यों का डीएम व सीडीओ ने किया औचक निरीक्षण
  • पुरुष चिकित्सालय में निर्माणाधीन 300 शैया वाले अस्पताल और महिला चिकित्सालय में 100 बेड वाले मैटरनिटी विंग का पूर्व सरकार में विधानसभा चुनाव के पूर्व जिले के कद्दावर पूर्व मंत्री द्वारा आनन-फानन में किया था लोकार्पण
  • मानक अनुरूप कार्य ना होने तथा हैंडओवर की निर्धारित तिथि पर कार्य पूर्ण कराकर हैंडओवर ना करने पर कार्यदाई संस्था राजकीय निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक से जवाब तलब

गोण्डा । प्रदेश में कभी खाद्यान्न कभी खनन के मामले में चर्चित रहने वाला गोंडा जनपद पूर्व सपा सरकार के कार्यकाल में आधे अधूरे निर्माणाधीन भवनों का भी लोकार्पण करने में चर्चित रहा ।

जिसका जीता जागता उदाहरण मंडल मुख्यालय पर जिला चिकित्सालय में बन रहे 300 शैया का अस्पताल तथा जिला महिला चिकित्सालय में 100 शैया का अस्पताल है । जो वर्षों बीतने के बाद भी अभी तक निर्माणाधीन है और वर्तमान सरकार में जिला प्रशासन द्वारा संबंधित कार्रवाई संस्था को कार्य पूरा करने की अवधि का अल्टीमेटम देने के बाद भी समय से कार्य पूरा न करा पाने के कारण विभाग को हैंड ओवर नहीं करा सका है ।
जिलाधिकारी कैप्टन प्रभांशु श्रीवास्तव एवं सीडीओ गोंडा अशोक कुमार ने पूर्व सरकार के कार्यकाल में लोकार्पण हुए उसी निर्माणाधीन जिला पुरुष चिकित्सालय में 300 शैया वाले अस्पताल और महिला चिकित्सालय में 100 बेड वाले मैटरनिटी विंग का औचक निरीक्षण किया। जिलाधिकारी के निरीक्षण अस्पताल में तमाम खामिया मिलीं। मानक अनुरूप कार्य ना होने तथा हैंडओवर की निर्धारित तिथि पर कार्य पूर्ण कराकर हैंडओवर ना करने पर कार्यदाई संस्था राजकीय निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक से जवाब तलब किया है।

निर्माणाधीन भवनों की क्या है कुल लागत

बताते चलें कि राजकीय निर्माण निगम द्वारा जिला अस्पताल में 28 करोड़ रुपए की लागत से तीन सौ बेड वाले उच्चीकृत अस्पताल तथा महिला अस्पताल में 19 करोड़ रुपए की लागत से सौ बेड वाले मैटरनिटी विंग का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।


जिलाधिकारी के निरीक्षण दौरान में क्या मिली कमियां

जिलाधिकारी प्रभांशु श्रीवास्तव के निरीक्षण दौरान दीवालों में डीएम को दरारें दिखाई दीं जिस पर डीएम वही पर मौंजूद जेई से जवाब पूछा तो बताया गया कि कट ना बनने की वजह से दरारें आईं हैं। लापरवाही का संज्ञान लिए हुए डीएम ने परियोजना प्रबंधक से स्पष्टीकरण तलब किया है। ज्ञातव्य है कि पुरुष चिकित्सालय के हैंडओवर की तिथि 30 अक्टूबर 2018 थी जिसके बावत डीएम द्वारा औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जिला असपताल में तमाम कार्य अधूरे पाए गए। डीएम ने एक माह की मोहलत देते हुए सभी कार्य पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं।
महिला अस्पताल में मैटरनिटी विंग में प्रवेश करते ही रिसेप्सन की फर्श जिसपर ग्रेनाइट लगाया गया है बेहद खराब दिखाई दिया। नाराज डीएम ने पूरी फर्श फिर से नई लगाने के निर्देश दिए हैं। वहीं मानक के विपरीत एलईडी बल्ब की जगह साधारण ट्यूब लाइट लगी हुई पाई गई। वाश रूम के शीशे निर्धरित ऊंचाई से कम पर लगे मिले इसके साथ ही साफ सफाई बेहद खराब पाई गई। कमरों में पंखे भी समुचित ढंग से लगे नहीं पाए गए। नाराज डीएम ने जिम्मेदारों को सख्त निर्देश दिए। महिला अस्पताल में आवागमन के लिए एक मात्र रास्ता होने की समस्या पर डीएम ने सीएमएस महिला अस्पताल को निर्देश दिए कि दो दिन के अंदर वैकल्पिक रास्ता निकालकर अवगत कराएं।
औचक निरीक्षण के दौरान सीएमएस पुरुष अस्पताल एव सीएमएस महिला अस्पताल, राजकीय निर्माण निगम के अधिकारी व अन्य मौजूद रहे।

Share this story