इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर राहुल गांधी, सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने श्रद्धांजलि दी

इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर राहुल गांधी, सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने श्रद्धांजलि दी

इंदिरा गांधी को गोलियों से छलनी कर दिया था

डेस्क-देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज 34वीं पुण्यतिथि है। साल 1984 में आज ही के दिन उनकी हत्या कर दी गई थी। उनकी सुरक्षा में लगे सिख बॉडी गार्ड्स ने ही उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट के जरिए इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि दी है। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी और देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शक्ति स्थल जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उन्हें याद किया। इंदिरा गांधी साल 1966 से 1977 तक लगातार तीन बार देश की प्रधानमंत्री रहीं थीं। इसके बाद साल 1980 में वो एक बार फिर इस पद पर पहुंचीं, लेकिन 31 अक्तूबर, 1984 को उनकी हत्या कर दी गई।

आयरन लेडी इंदिरा गांधी का जन्म देश के एक आर्थिक एंव बैध्दिक रुप से सभ्रांत परिवार में पं. जवाहर लाल नेहरु के घऱ में 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद के आनंद भवन में हुआ था। इनके माता का नाम कमला नेहरु तथा दादा का नाम पं. मोती लाल नेहरु था।

इसे भी पढ़े -गुजरात : स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केवडिया पहुंचे

इसे भी पढ़े -Team India ने World Cup 2015 के बाद नंबर 4 के लिए अजमाए गए 11 खिलाडी

  • इनके दादा एंव पिता दोनों वकालत करते थे।बचपन में इनके माता पिता का लार-दुलार ज्यादा नहीं मिला |
  • क्योंकि पिता भारतीय राजनीति में ब्यस्त थे वही माता अस्वस्थ्य रहती थी।
  • इन्हें दादा से ज्यादा लार-दुलार मिला क्योंकि यह घर की इकलौती संतान थी
  • । इनके दादा इन्हें लक्ष्मी एवं दूर्गा के प्रतीक मानते थे।

इंदिरा की प्ररंभिक शिक्षा आनंद निवास पर ही हुई ।इन्होनें सिर्फ अंग्रैजी में दक्षता हासिल की और अन्य विषयों पर ध्यान कम दिया। फिर शांति निकेतन उसके बाद उच्च शिक्षा हेतु इंगलैंड गई वैडमिंटन स्कूल तथा आक्सपोर्ड विश्वविद्याल में अध्यन किया फिर ये भारत आ गई । उन्हें विश्व भर के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया था। प्रभावशाली शैक्षिक पृष्ठभूमि के कारण उन्हें कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा विशेष योग्यता प्रमाण दिया गया। श्रीमती इंदिरा गांधी शुरू से ही स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रहीं। बचपन में उन्होंने ‘बाल चरखा संघ’ की स्थापना की और असहयोग आंदोलन के दौरान कांग्रेस पार्टी की सहायता के लिए 1930 में बच्चों के सहयोग से ‘वानर सेना’ का निर्माण किया।

Share this story