मनुष्य होने के लिए सबसे जरूरी हैं ये चीजें, देखिए आपके पास हैं क्या
जीवन के प्रति निरंतर संवेदनशील होता रहता है
डेस्क-मनुष्य सर्वाधिक विवेकवान और सामर्थ्यवान प्राणी है। इसीलिए वह जीवन के बारे में सबसे अधिक संवेदनशील तरीके से विचार कर सकता है। वह गहराई से समझ सकता है कि उसका जीवन कितना अनमोल है।
अक्सर मनुष्य जब ऐसा विचार करता है और जीवन के प्रति निरंतर संवेदनशील होता रहता है, तो उसमें सद्गुणों का विकास होना शुरू हो जाता है।वास्तव में मनुष्य के जीवन का सर्वोत्तम ध्येय यही होना चाहिए कि वह अपने अंतःस्थल को संवेदना से उपजे सद्गुणों से सींचता रहे। परंतु वर्तमान में ऐसा नहीं हो रहा। आज जब हमारे चारों ओर भावनात्मक असुरक्षा, सामाजिक असहयोग और संवेदनहीनता का वातावरण गहराता जा रहा है |
तब हमें सोचना चाहिए कि यह सब कुछ हमारे कारण ही है। यदि हम परिवार और समाज में सहयोग, त्याग, सदाचार और संस्कार जनित व्यवहार नहीं करेंगे, तो यह सुंदर मानवीय जीवन हमें जीने के लिए आवश्यक वस्तुओं के होते हुए भी निराश और हताश करेगा।
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दूसरों के जीवन से गहन लगाव
हमें बचपन से यह सिखाया और बताया जाता है कि मानव के रूप में हमें जो जीवन मिला है यह अमूल्य है। इस अमूल्य जीवन को किसी भी तरह की निराशा या हताशा से व्यतीत करना बड़ा अभिशाप होगा।
- जीवन में रहते हुए हमारे पास अनुभूतियों, संवेदनाओं और अंतर्भावनाओं की ऐसी निधि होती है
- जिससे हम न केवल स्वयं का अपितु दूसरों का भी उद्धार कर सकते हैं।
- किंतु इसके लिए जो हमें चाहिए और लगातार चाहिए |
- वह है सर्वप्रथम अपने और फिर दूसरों के जीवन से गहन लगाव।