Rajasthan Assembly Election 2018 Kundali के अनुसार क्या कहतें हैं पूर्व सीएम अशोक गहलोत के सितारे

Rajasthan Assembly Election 2018 Kundali के अनुसार क्या कहतें हैं पूर्व सीएम अशोक गहलोत के सितारे

कैसा रहेगा Rajasthan Assembly Election 2018 में पूर्व सीएम अशोक गहलोत का राजनीतिक सफ़र

आज चर्चा पूर्व मुख्य मंत्री अशोक गहलोत की जन्म कुंडली की" जन्म पत्रिका-


श्री अशोक गहलोत (पूर्व मुख्य मंत्री-राजस्थान)
(नोट:-जन्म की तारीख गूगल सर्च से जैसी प्राप्त हुई है.उसी के अनुसार कुंडली का निर्माण किया है। मेरा उद्दयेश्य सिर्फ़ इतना ही है कि सफल लोगो की कुंडली के शुभ योगों की चर्चा करना है)
जन्म तारीख- 03.05.1951
समय 09.30 बजे सुबह
स्थान-जोधपुर
वार-गुरवार
लग्न-मिथुन
राशी-मीन
नक्षत्र-उत्तराभाद्रपद
शुभ योग --
(1)गुरु और चन्द्रमा 10 वे भाव मे युति=गज केशरी योग-अदभुत योग है,जातक यशस्वी,धनवान,सरकार का मुखिया,समाज द्वारा पूजित होगा।
(2)लग्नेश बुध11 वे भाव मे सूर्य के साथ है,यह बुधादित्य योग का निर्माण कर रहा है।जातक की वाणी प्रभावशाली होगी ओर कई विद्याओ का जानकर होगा।
(3)गुरु केंद्र(10वे भाव मे) में है। यह बहुत शुभ योग है।शास्त्र बताते है कि केंद्र में गुरु कुंडली के 1000 दोष दूर करता है।
(4)शुक्र 12 वे भाव मे स्वराशिस्थ-जातक घर से अधिक बाहर विकास करेगा ओर अतुलनीय सुख प्राप्त पड़ेगा।
(5)गुरु केंद्र में स्वयं की राशि मे-"हंस योग" का निर्माण कर रहा है। जातक विद्ववान ओर अवार्ड प्राप्त करने वाला होगा.
(6)राहु 9 वे भाव मे है- अपनी चतुरता से लोगो को प्रभावित करेगा।
(7)केतु 3 रे भाव(पराक्रम भाव) मे है अपने समस्त शत्रुओ का नाश करेगा।
महादशा:- 12.05.2016 से 12.11.2019 तक समय शानदार है।
वर्तमान में इसका प्रबल राजयोग बन रहा है । शनिदेव के प्रबल गजकेसरी योग से गुरु का केंद्र में होने से छठे स्थान पर राहु तीसरे स्थान पर केतु होना चाहिए,जो अद्भुत योग बनता है गुरु और चंद्रमा की युति से सरकार के मुखिया बनने का योग नवंबर 2019 तक है यह योग अशोक गहलोत का है। ये हम नही कह रहे यह कहना है उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री का, जिन्होंने वर्ष 1997 में भी गहलोत के मुख्यमंत्री बनने को लेकर भविष्यवाणी की थी और वह भविष्यवाणी भी सही साबित हुई थी।

श्री अशोक गहलोत का लग्न मिथुन, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, मीन राशि हैं।

वर्ष 1998 से 2019 तक अशोक गहलोत के राज योग प्रबल हैं राजनीति के हर क्षेत्र में माहिर तीसरा केतु होने से वाक चातुर्य से काम बनाने की क्षमता, शत्रुओं का नाश करने की कला, नवे राहु गुरु केंद्र में होने से सभी दोष भी माफ माने जाते हैं।

पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि नवंबर 2019 तक समय श्रेष्ठ रहेगा इनका बुद्ध ग्यारहवें भाव में प्रभावशाली होकर प्रशासनिक पावर प्रदान कर्ता है कुल मिलाकर अशोक गहलोत के राज योग प्रबल हैं । उन्होंने बताया कि राहुल गांधी के राजयोग नहीं है गठबंधन सरकार अगर आती है तो सर्वमान्य प्रधानमंत्री उम्मीदवार अशोक गहलोत हो सकते हैं और उनकी जीत प्रबल होगी।

शनि देव की दशा गहलोत के लिए श्रेष्ठ राज योग कारक ---
गहलोत की कुंडली प्रबल जीत के आसार बनाती है बृहस्पति की दशा शनि देव की दशा गहलोत के लिए श्रेष्ठ राज कारक है कुल मिलाकर नेतृत्व पर निर्भर है कि वह अपने तुरूप के पत्ते को इस्तेमाल करते हैं या नहीं बाकी अशोक गहलोत का भविष्य उज्जवल है। गुरु और चंद्रमा दसवें भाव में गजकेसरी योग अद्भुत योग सरकार Rajasthan Assembly Election 2018 का मुखिया बनने का योग बनता है लग्नेश बुध ग्यारहवें भाव में सूर्य के साथ बुधादित्य योग का निर्माण करता है।।

जातक की वाणी प्रभावशाली और कई विद्याओं का जानकार होता है गुरु केंद्र में दसवें भाव में शुभ योग है।। केंद्र में गुरु कुंडली के सभी दोष दूर करते हैं शुक्र बारहवें भाव में मीन राशि में स्थित है।।

खूब प्रसिद्धि प्राप्त होगी गुरु केंद्र में स्वयं की राशि में अच्छा योग बनाता है मुख्यमंत्री पद प्राप्त कर सकते हैं राहु नौवें भाव में अपनी चतुर प्रति लोगों को प्रभावित करते हैं कुल मिलाकर सर्वश्रेष्ठ योग चल रहे हैं।

कांग्रेस के अशोक गहलोत का जन्म 03 मई सन् 1951 को सुबह 9:30 मि. पर जोधपुर में हुआ था। उस काल में क्षितिज पर मिथुन लग्न उदित हो रही थी। मिथुन राशि एक द्विस्वभाव राशि है, जिसके फलस्वरूप गहलोत के स्वभाव में दोहरापन पाया जायेगा, कभी धीर गम्भीर तो कभी चंचल और वाचाल रहेंगे। आपके सोचने का तरीका वैज्ञानिक व तर्कसंगत होगा।
इस समय आपकी कुण्डली में मंगल की दशा में राहु की अन्तर एंव केतु की प्रत्यन्तर दशा चल रही है। षष्ठेश और लाभेश होकर मंगल अपनी मेष राशि में लाभ भाव में राजा सूर्य के साथ संग्रस्थ है। मंगल और सूर्य की सप्तम नजर जनता के कारक पंचम भाव पर पड़ रही है।
यह स्थिति शुभ कही जा सकती है। राहु भाग्य भाव में स्वराशि का होकर गुरू के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद पर कब्जा किये हुये है। गुरू सप्तमेश होकर दशम भाव में बैठा है। सप्तम भाव परिवर्तन का कारक एंव दशम स्थान राज्य का संकेतक है।
पूर्व सीएम अशोक गहलोत की कुण्डली में इस वक्त मंगल की दशा चल रही है व 6 दिसम्बर से सूर्य की अन्तर दशा प्रारम्भ होने वाली है। मंगल लाभेश होकर लाभ भाव में बैठकर सप्तम नजर से पंचम भाव को देख रहा है।
सूर्य तृतीयेश होकर लाभ पर कब्जा जमाकर पंचम भाव को देख रहा है। सूर्य व मंगल दोनों की जनता के संकेतक भाव पर दृष्टि पड़ रही है।
गहलोत के लिए शुभ हैं संकेत..
6 अक्टूबर से गुरू वृश्चिक में गोचर करेगा जो आपके छठें भाव में रहेगा जिसकी पंचम दृष्टि सत्ता के कारक दशम भाव पर पड़ रही है। यह एक बहुत ही शुभ संकेत है। आपके लिए अंक 8 भी विशेष फलदायी है क्योंकि आप 1998 में पहली बार सीएम बने थे। दूसरी बार सन् 2008 में सीएम बने और इस बार भी सन् 2018 में अंतिम अंक 8 है।
इन सभी कारणो को देखते हुये निष्कर्ष यह निकलता है कि भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर रहेगी। भाजपा को 80 से 85 सीटें मिल सकती है। वहीं काग्रेस 100 से 110 सीटें प्राप्त करके सरकार बनाने में कामयाब होगी।
राजस्थान में 7 दिसम्बर 2018 को होने वाले विधान सभा चुनाव में सभी राजनैतिक दल अपने-अपने लोकलुभावन घोषणा पत्रो को जारी करके जनता की भावनाओं को एक बार फिर से लूटने की भरसक कोशिश कर रहें है।
दरअसल भारत की जनता की स्मृति काफी क्षीण है, वह अतीत की बातों को भूलकर वर्तमान का लाभ और भविष्य के सपने देखने में अधिक विश्वास करती है। शायद यह प्रमुख कारण है, इसलिए यहां के भ्रष्ट राजनेता हर बार चुनाव से पूर्व जनता को विकास के सपने दिखाते तो जरूर है, किन्तु असल में वे अपने सपनों को पूरा करने में व्यस्त हो जाते है।
आखिर कब-तक ? क्या कभी भारत की जनता देश के विकसित होने के लिए वोट करेगी ? जागो जनमानस जागो ?

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