जानिए 24 देव शक्ति गायत्री मंत्र

जानिए 24 देव शक्ति गायत्री मंत्र

गायत्री उपासना के लिए गायत्री मंत्र बहुत ही चमत्कारी और शक्तिशाली माना गया है

डेस्क-इष्टसिद्धि मे मां गायत्री का ध्यान बहुत शुभ होता है। गायत्री उपासना के लिए गायत्री मंत्र बहुत ही चमत्कारी और शक्तिशाली माना गया है। शास्त्रों के मुताबिक इस मंत्र के 24 अक्षर 24 महाशक्तियों के प्रतीक हैं। एक गायत्री के महामंत्र द्वारा इन देवशक्तियों का स्मरण हो जाता है।

24 देव शक्तियों के ऐसे 24 चमत्कारी गायत्री मंत्र मे से, जो देवी-देवता आपके इष्ट है, उनका विशेष देव गायत्री मंत्र बोलने से चमत्कारी फल प्राप्त होता है। शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक व भौतिक शक्तियों की प्राप्ति के लिए गायत्री उपासना सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। गायत्री ही वह शक्ति है जो पूरी सृष्टि की रचना, स्थिति या पालन और संहार का कारण है। वेदों में गायत्री शक्ति ही प्राण, आयु, शक्ति, तेज, कीर्ति और धन देने वाली मानी गई है। गायत्री मंत्र को महामन्त्र पुकारा जाता है, जो शरीर की कई शक्तियों को जाग्रत करता है।

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इष्टसिद्धी से मनोवांछित फ़ल के लिए गायत्री मंत्र के 24 अक्षरो के हर देवता विशेष के मंत्रों का स्मरण करें।

1 श्रीगणेश : मुश्किल कामों में कामयाबी, रुकावटों को दूर करने, बुद्धि लाभ के लिए इस गणेश गायत्री मंत्र का स्मरण करना चाहिए :

ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो बुद्धिः प्रचोदयात् ||

2 नृसिंह : शत्रु को हराने, बहादुरी, भय व दहशत दूर करने, पुरुषार्थी बनने व किसी भी आक्रमण से बचने के लिए नृसिंह गायत्री असरदार साबित होता है |

ॐ नृसिंहाय विद्महे, वज्रनखाय धीमहि। तन्नो नृसिंहः प्रचोदयात् ||

3 विष्णु : पालन-पोषण की क्षमता व काबिलियत बढ़ाने या किसी भी तरह से सबल बनने के लिए विष्णु गायत्री का महत्व है |

ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् ||

4 शिव : दायित्वों व कर्तव्यों को लेकर दृढ़ बनने, अमंगल का नाश व शुभता को बढ़ाने के लिए शिव गायत्री मंत्र बड़ा ही प्रभावी माना गया है |

ॐ पञ्चवक्त्राय विद्महे, महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ||

5 कृष्ण : सक्रियता, समर्पण, निस्वार्थ व मोह से दूर रहकर काम करने, खूबसूरती व सरल स्वभाव की चाहत कृष्ण गायत्री मंत्र पूरी करता है |

ॐ देवकीनन्दाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि। तन्नो कृष्णः प्रचोदयात्*||

6 राधा : प्रेम भाव को बढ़ाने व द्वेष या घृणा को दूर रखने के लिए राधा गायत्री मंत्र का स्मरण बढ़ा ही लाभ देता है |

ॐ वृषभानुजायै विद्महे, कृष्णाप्रियायै धीमहि। तन्नो राधा प्रचोदयात्*||

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